Book Title: Shabdarupavali
Author(s): Rushabhchandrasagar
Publisher: Purnanand Prakashan
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ईक्षमाणयोः
ईक्षमाणयोः
सं० हे ईक्षमाण ! हे ईक्षमाणे !
ष०
स०
ईक्षमाणस्य
ईक्षमाणे
(५९) कर्तरि वर्तमान कृदन्त ( आत्मने) स्त्रीलिङ्ग - 'ईक्षमाणा' ( मालावत् ) [ 4. 40]
По ईक्षमाणा
द्वि० ईक्षमाणाम्
ईक्षमाणया
च०
ईक्षमाणायै
पं० ईक्षमाणायाः
तृ०
स०
ईक्षमाणे
ईक्षमाणे
ईक्षमाणानाम् ईक्षमाणेषु
हे ईक्षमाणानि !
ईक्षमाणाः
ईक्षमाणाः
ईक्षमाणाभ्याम् ईक्षमाणाभिः ईक्षमाणाभ्याम् ईक्षमाणाभ्यः
ईक्षमाणाभ्याम् ईक्षमाणाभ्यः
ईक्षमाणायाः ईक्षमाणयोः ईक्षमाणानाम् ईक्षमाणायाम् ईक्षमाणयोः
ईक्षमाणासु
हे ईक्षमाणाः !
(सं० हे ईक्षमाणे ! हे ईक्षमाणे !
प्रo गम्यमानः
द्वि० गम्यमानम् गम्यमानेन
तृ०
शि०६-३पावली
(६०) कर्मणि वर्तमान कृदन्त
पुंलिङ्ग - 'गम्यमान' शब्द ( बालवत् ) [4.40]
गम्यमानौ
गम्यमानौ
गम्यमानाभ्याम्
गम्यमानाः
गम्यमानान्
गम्यमानैः
33
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