Book Title: Samyaktva Parakram 03 Author(s): Jawaharlal Acharya, Shobhachad Bharilla Publisher: Jawahar Sahitya Samiti Bhinasar View full book textPage 5
________________ * निवेदन * आठवी-नौवी किरण मे श्री उत्तराध्ययन सूत्र के सम्यक्त्वपराक्रम अध्ययन के २० बोलो तक के व्याख्यान प्रकाशित हो चुके हैं । प्रस्तुत किरण मे चौंतीस बोलो तक का विवेचन आया है। स्व. आचार्य श्री जवाहरलाल जी म. सा असाधारण प्रतिभाशाली और गम्भीर विचारक सन्त महापुरुष थे । उन्होने अपने साधक जीवन मे जो अनुभूति की थी, वह उनको वाणी द्वारा व्यक्त हुई है । पूज्य श्री ने गहन तत्त्वविचारो को सरल भाषा मे प्रकट किया है जो जनता के लिये बड़े काम के हैं । आशा है पाठक एकाग्रभाव से इन्हे पढ़ेंगे और मनन करेगे । सम्यक्त्वपराक्रम के शेष भाग शीघ्र ही पाठको की सेवा मे उपस्थित कर रहे हैं । श्री हितेच्छु श्रावक-मडल, रतलाम और जैन ज्ञानोदय सोसाइटो, राजकोट का हम आभार मानते हैं, जिनके अनुग्रह से यह साहित्य प्रकाशित कर सके हैं ।। धर्मनिष्ठ सुश्राविका बहिन श्री राजकु वर बाई मालू बीकानेर द्वारा श्री जवाहर साहित्य समिति को साहित्य प्रकाशन के लिये प्रदत्त धनराशि से यह द्वितीय सस्करण का प्रकाशन हुआ है । सत्साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिये बहिनश्री की अनन्य निष्ठा चिरस्मरणीय रहेगी। भीनासर (बीकानेर-राज) निवेदक चंपालाल बांठिया मंत्री-श्री जवाहर साहित्य समितिPage Navigation
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