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माँ सरस्वती
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सम्यग्ज्ञान की विशिष्ट आराधना
ज्ञान प्राप्ति के श्रेष्ठ उपाय
१) ज्ञान की स्तुति बोलकर, प्रतिदिन२) ५-लोगस्स ( २०- नवकार) का काउसग्ग करें ।
३) ज्ञानके समक्ष ५/५१ खमासमणे देवे ।
३)
'ॐ ह्रीँ नमो नाणस्स' की ५/२० माला अवश्य गिने ।
सम्यग्ज्ञान की स्तुति
धार्मिक पुस्तक / पोथी सापडे (स्टँड) के उपर रखकर उसके समक्ष यह स्तुति बोले
४)
श्री सम्यग्ज्ञानोपासना विभाग
प्रति मास के शुक्ल पंचमी के दिन उपवास / एकासणादि तप करके ५१ लोगस्स ( २०४ नवकार) का काउसग्ग, ५१ खमासमणे और 'ॐ ह्रीँ नमो नाणस्स' इस मंत्र की २० माला जपने से शीघ्रता से ज्ञान की प्राप्ति होती हैं ।
१) णिव्वाण मग्गे वर जाण कप्पं, पणासियासेस कुवाइ दप्पं, मयं जिणाणं सरणं बुहाणं, णमामि णिच्चं ति जग पहाणं ॥
२) बोधा गाधं सुपद पदवी नीर पूरा भिरामं,
जीवाऽऽ हिंसा विरल लहरी संगमा ऽ गाह देहम् ।
चूला वेलं गुरुगम मणि संकुलं दूर पारं, सारं वीरागम जलनिधिं सादरं साधु सेवे ॥
अर्हद् वक्त्र प्रसूतं गणधर रचितं द्वादशांगं विशालं, चित्रं बह्वर्थ युक्तं मुनिगण वृषभै र्धारितं बुद्धि मद्भिः, द्वार भूतं व्रत चरण फलं ज्ञेय भाव प्रदीपं, भक्त्या नित्यं प्रपद्ये श्रुत मह मखिलं सर्व लोकैक सारम् ॥
जिन जोजन भुमि, वाणीनो विस्तार प्रभु अर्थ प्रकाशे, रचना गणधर सार । सो आगम सुणतां, छेदी जे गति चार जिन वचन वखाणी, लहीये भवनो पार ।।