Book Title: Samyag Gyanopasna Evam Sarasvati Sadhna
Author(s): Harshsagarsuri
Publisher: Devendrabdhi Prakashan

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Page 80
________________ ७० माँ सरस्वती श्री सरस्वती साधना विभाग सरस्वती मात छोप्यारी (राग : प्रभु जेवो गणो तेवो) सरस्वती मात छो प्यारी, तुमारो बाळ सत् बोले; करोने म्हेर क्षण देवी, टळे मुज अज्ञता जोरे...सरस्वती० . बूरो-मूंडो मुरख पूरो, कपटने कामे वळी शूरो, बधा दुर्गुणोनो दरीयो, छतां तुज बाळ नही भूलो...सरस्वती०(२) . कदी पत्र-पत्र थाय, नही माता-कुमाता थाय, भली भोळी तुम हो मात , जगतनी रीत ए ना छोड...सरस्वती० (३) • छतां तरछोडशो मुजने, थशे अपजश जग तारो, हवे शुं सोचवू तुजने , ग्रही ले हाथ बाळकनो...सरस्वती० (४) . मळे तुज रागीने ज्ञान, फळे ध्यानीने उजमाळ परंतु आपो निजज्ञान, मानुं के आपनो नही पार...सरस्वती० (५) . भरी श्रद्धा हृदय भारी, जगतमां तूं ही एक साची; करीश ज्ञानी आतमरागी, अंतरना पाप दई टाळी...सरस्वती० (६) शोभती श्रीमती भारती देवता (राग : जागने जादवा) . शोभती श्रीमती भारती देवता, पूर्णिमां चंद्रशी कांतिने पेखतां दीर्घ वीणा थकी लीन ज्ञाने सदा, भक्तने ज्ञाननो सार द्यो....शारदा० १ • दीपतो हार मुक्तातणो हीयडे, हस्तमां माळ मोती तणी विलसें, ____ दीसतो ग्रंथ जे ज्ञानने आपशे ! भक्तने ज्ञाननो सार द्यो.....शारदा० २ • त्रिहु लोके सुधा सुंदरी देखतां, स्वर्गना लोक जे मातने पूजतां, राजती नन्दिनी श्रुतनी देवतां, भक्तने ज्ञाननो सार द्यो....शारदा० ३ • सेवती मातने मानहंसी हसें, नीरखें नित्य नीर-क्षीर विवेके, भेद विज्ञानथी आत्मज्ञाने रमें, भक्तने ज्ञाननो सार द्यो....शारदा० ४ मृदु गंभीर जे मीठडं बोलती, जोडती ज्ञानमा अज्ञता रोकती, पूजतां प्रेमथी लोकने भावती, भक्तने ज्ञाननो सार द्यो....शारदा० ५

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