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माँ सरस्वती
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श्री सरस्वती साधना विभाग
श्री सरस्वती स्तुति विभाग
हे शारदे मां-प्रार्थना हे शारदे माँ, हे शारदे माँ, अज्ञानता से हमे तार दे माँ, . तूं स्वरकी देवी, ये संगीत तुझसे; हर शब्द तेरा, हर गीत तुझसे,
हम है अकेले, हम है अधुरे; तेरी शरण में हमें प्यार दे माँ... ||१|| मुनिओंने समझी, गुणीओंने जाणी; संतोकी भाषा , आगमोंकी वाणी,
हम भी तो समझे, हम भी तो जाणे, विद्याका हमको अधिकार दे माँ... ||२|| • तूं श्वेतवर्णी, कमल में बिराजें; हाथोंमें वीणा, मुकुट शिरपें छाजें,
मनसे हमारे, मिटा दे अंधेरा; हमको उजालों का परिवार दे माँ...||३||
श्री सरस्वती स्तुति श्री श्रुतदेवी सरस्वती भगवती, हमको वर देना तूं माँ, जीवन की बांसुरी में देवी, श्रद्धा का स्वर भर देना । सम्यग्ज्ञान का दीप जलाकर, मनका तिमिर हटाना माँ, ना भूले ना भटके माता, ऐसी राह बताना माँ ।
जेना नाम स्मरणथी...|
(राग : स्नातस्या प्रतिमस्य) . जेना नाम स्मरणथी अबुधना, कष्टों बधा नासता,
जेना जाप करणथी विबुधना, कार्यो सदा शोभता, जेना ध्यान थकी मळे भविकने, पुन्यौघनी संपदा, भावे ते श्रुत शारदा चरणमां, होजो सदा वंदना...(१) . जे विलसे सचराचर जगतमां, हंसाधिरुढा बनी,
शोभे पुस्तक पंकजे ग्रही थकी, मौक्तिक माला वळी, विद्या वाणी प्रमोदने यशः दई, कामितने पूरती. भावे ते श्रुत शारदा चरणमां, होजो सदा वंदना...(२)