Book Title: Samyag Gyanopasna Evam Sarasvati Sadhna
Author(s): Harshsagarsuri
Publisher: Devendrabdhi Prakashan
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माँ सरस्वती
६७
श्री सरस्वती साधना विभाग
| दीठी दीठी अमृत झरती...|
(राग : आजे पाम्यो परम पदनो...) दीठी दीठी अमृत झरती , अंग प्रत्यंग देवी, मीठी मीठी सकल जननी, मात वागीश्वरीजी लीधी लीधी चरण युगनी, सेवना पुण्यकारी कीधी कीधी अंतःकरणथी, वंदना भाव धारी...(१) . जीत्यां जीत्यां अखिल जगना, मान ने काम गाळी मीट्यां मीट्यां सरल जीवना, मोह अंधार खाळी खुल्यां खुल्यां भविक गणना, सत्यना द्वार माडी,
मील्यां मील्यां सकल सुखना, सार तारी कृपाथी...(२) कीजे कीजे अबुध शिशुने, प्रेरणा सत्य कीजे दीजे दीजे परम पदनी, जिंदगी एवी दीजे गीते गीते हृदय मननां; ठाल, भाव गीते लीजे लीजे विनति उरमां, मात आजे ज लीजे...(३)
संस्कृतस्तुति
(राग : स्नातस्या प्रतिमस्य...) या कुन्देन्दु तुषार हार धवला, या शुभ्र वस्त्रावृता, या वीणा वर दण्ड मण्डित करा, या श्वेत पद्मासना । या ब्रह्माच्युत शंकरः प्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता, सा मां पातु सरस्वती भगवती, निःशेष जाड्याऽपहा ।। (१) • शुक्लां ब्रह्म विचार सार परमां, आद्यां जगत् व्यापिनीम् । वीणा पुस्तक धारिणी अभयदां, जाड्यान्धकारा पहाम् ।। हस्ते स्फटिक मालिकां विदधतीं, पद्मासने संस्थिताम् ।
वन्दे तां परमेश्वरी भगवती, बुद्धिप्रदां शारदाम् ।। (२) • कुंदिदु गोक्खीर तुसार वन्ना, सरोज हत्या कमले निसन्ना - . वाएसिरी पुत्थय वग्ग हत्था, सुहायसा अम्ह सया पसत्था ।। (३)

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