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________________ माँ सरस्वती ६५ श्री सरस्वती साधना विभाग श्री सरस्वती स्तुति विभाग हे शारदे मां-प्रार्थना हे शारदे माँ, हे शारदे माँ, अज्ञानता से हमे तार दे माँ, . तूं स्वरकी देवी, ये संगीत तुझसे; हर शब्द तेरा, हर गीत तुझसे, हम है अकेले, हम है अधुरे; तेरी शरण में हमें प्यार दे माँ... ||१|| मुनिओंने समझी, गुणीओंने जाणी; संतोकी भाषा , आगमोंकी वाणी, हम भी तो समझे, हम भी तो जाणे, विद्याका हमको अधिकार दे माँ... ||२|| • तूं श्वेतवर्णी, कमल में बिराजें; हाथोंमें वीणा, मुकुट शिरपें छाजें, मनसे हमारे, मिटा दे अंधेरा; हमको उजालों का परिवार दे माँ...||३|| श्री सरस्वती स्तुति श्री श्रुतदेवी सरस्वती भगवती, हमको वर देना तूं माँ, जीवन की बांसुरी में देवी, श्रद्धा का स्वर भर देना । सम्यग्ज्ञान का दीप जलाकर, मनका तिमिर हटाना माँ, ना भूले ना भटके माता, ऐसी राह बताना माँ । जेना नाम स्मरणथी...| (राग : स्नातस्या प्रतिमस्य) . जेना नाम स्मरणथी अबुधना, कष्टों बधा नासता, जेना जाप करणथी विबुधना, कार्यो सदा शोभता, जेना ध्यान थकी मळे भविकने, पुन्यौघनी संपदा, भावे ते श्रुत शारदा चरणमां, होजो सदा वंदना...(१) . जे विलसे सचराचर जगतमां, हंसाधिरुढा बनी, शोभे पुस्तक पंकजे ग्रही थकी, मौक्तिक माला वळी, विद्या वाणी प्रमोदने यशः दई, कामितने पूरती. भावे ते श्रुत शारदा चरणमां, होजो सदा वंदना...(२)
SR No.032027
Book TitleSamyag Gyanopasna Evam Sarasvati Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarshsagarsuri
PublisherDevendrabdhi Prakashan
Publication Year2007
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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