Book Title: Samyag Gyanopasna Evam Sarasvati Sadhna
Author(s): Harshsagarsuri
Publisher: Devendrabdhi Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 62
________________ ५२ माँ सरस्वती श्री सरस्वती साधना विभाग | २) चंदन पूजा श्लोकः हा पक्षे बीज गर्भे, सुर वर रमणी, चर्चिता नेकरुपे, . कोपं वं झं विधेयं, धरित धरि वरे, योग नियोग मार्गे । हं सं सः स्वर्ग राज, प्रति दिन नमिते, प्रस्तुता लाप पाठे. दैत्येन्द्र या॑यमाने, मम मनसि सदा, शारदे देवि तिष्ठ ||२|| मंत्र : ॐ ह्रीँ श्री सरस्वती देव्यै चंदनं समर्पयामि स्वाहा । [३) पुष्प पूजा श्लोकः दैत्यै दैत्यारि नाथै, नमित पद युगे, भक्ति पूर्व स्त्रि सन्ध्यम्, यक्षैः सिद्धेश्च नमै, रह मह मिकया, देह कान्तिश्च कान्तिः । आँ इँ ॐ विस्फुटाभा, क्षर वर मृदुना, सुस्वरेणा सुरेणा त्यन्तं प्रोद्गीय माने, मम मनसि सदा, शारदे देवि तिष्ठ ॥३॥ मंत्र : ॐ ह्रीँ श्रीँ सरस्वती देव्यै पुष्पं समर्पयामि स्वाहा । [४) धूप पूजा श्लोकः क्षाँ क्षी यूँ क्षः स्वरूपे, हन विषम विष, स्थावरं जंगमं वा, संसारे संसृतानां, तव चरण युगे, सर्व कालं नराणाम् । अव्यक्ते व्यक्त रूपे प्रणत नर वरे, ब्रह्म रुपे स्वरूपे, ऐं ऐं ब्लूँ योगिगम्ये, मम मनसि सदा, शारदे देवि तिष्ठ ||४|| मंत्र : ॐ ह्रीँ श्रीँ सरस्वती देव्यै धूपं आघ्रापयामि स्वाहा । |५) दीपक पूजा श्लोकः सम्पूर्णा त्यन्त शोभैः, शश धर धवलै, र्रास लावण्य भूतैः, रम्यैः स्वच्छैश्च कांतै, निज कर निकरै, चंद्रिका कार भासैः । अस्माकिनं भवाब्जं , दिन मनु सततं, कल्मषं क्षालयन्ती, आँ श्रीँ यूँ मंत्र रुपे, मम मनसि सदा, शारदे देवि तिष्ठ ।।५।। मंत्र : ॐ ह्रीं श्रीं सरस्वती देव्यै दीपं दर्शयामि स्वाहा ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122