Book Title: Ratnamala Author(s): Shivkoti Acharya, Suvidhimati Mata, Suyogmati Mata Publisher: Bharatkumar Indarchand Papdiwal View full book textPage 7
________________ $ : 41241 - 30 श्लोक क्र. 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 10. 11. 12. 13. 14. 15. 16. 17. 18. 19. 20. 21. 22. 23. 24. 25. 26. 27. 28. 29. 30. 31. 32. 33. 34. रत्नमाला - अनुक्रमणिका विषय वीर वन्दना अर्हत् वचन की बन्दना आचार्य सिध्दसेन की वन्दना स्वामी समन्तभद्र की स्तुति प्रतिज्ञा सम्यग्दर्शन का कल्याणकारित्व सुदेव तथा सच्छास्त्र का स्वरूप साधु का स्वरूप सम्यग्दर्शन का लक्षण सम्यग्दर्शन का महत्त्व सम्यग्दृष्टि कहाँ उत्पन्न नहीं होता? व्रत धारण करने का फल अजरामर पद का पात्र कौन? बारह व्रतों का निर्देश अणुव्रतों का स्वरूप सप्त शीलव्रतों का स्वरूप अष्ट- मूलगुण कैसा जल पीने योग्य है? जल की मर्यादा प्रासुक करने की विधि अन्य प्रकार से प्रासुक जल एकादश प्रतिमा का वर्णन अभक्ष्य वर्तमान में मुनि कहाँ रहें? मुनियों को कौन-कौन सी वस्तु देवें? दान का फल दान के भेद वैयावृत्ति की प्रेरणा चैत्यालय बनाने का उपदेश जिन मन्दिर बनाने का फल मन्दिर में देने योग्य वस्तुएं पण्डितों का सम्मान दान की प्रेरणा गृहीत व्रतों को परिपालन करने की प्रेरणा सुविधि ज्ञान चक्रिका प्रकाशन संस्था, औरंगाबाद.. पृष्ठ क्र. -35GDON, 9 10 12 14 16 18 20 22 24 26 27 29 36 38 40 41 42 43 47 49 52 56 58 60 62 64 66 67 68 70Page Navigation
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