Book Title: Rajvinod Mahakavyam
Author(s): Udayraj Mahakavi, Gopalnarayan Bahura
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir

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Page 34
________________ Jain Education International राजस्थान पुरातन ग्रन्थमाला 045 For Private & Personal Use Only तानियोगशाधनकाहोम सइया मदोत्यायेदयरानाशाह विलानियावदनवायावसातवर्षयोवाधीशनिसससिरमन्यावयमा नबामा यावयवधराधरापुनरिमामयज्ञानमारकाबाशीममूर माहिरपतनावट निरायन स्त्रीमानसाटिप्परसमज निश्रीगुरेमापति स्तनमावाति मखममानवाहिननात्मजात सात्मिहमदाम्पतलुडागायासहीला रवरधारा श्रीमसमाहिलपतिशयानंदीवात्मजः ४ाइनिश्रीमहाराजा । विराजनरबकापान माहिधीमत्सबरवापर्वरित्रै राजनिनादेबीमत्यराजा वित मतकावविजयलीलालानाममन्नमसमेगावासकाछौ तरपति त्रिनन सहस्त्रमयुतं चलदामथक्रोटिाभरखा ठपात यातायनामेकापावागमेगानाङग्गछनाष्टामपनमः SKHE P Pa Ram राजविनोद काव्यकी आदर्शभूत प्रतिका अन्तिम पत्र www.jainelibrary.org

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