Book Title: Rajvinod Mahakavyam
Author(s): Udayraj Mahakavi, Gopalnarayan Bahura
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir

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Page 75
________________ ४०] महमूद बेगड़ा का दोहाद का शिलालेख शायद मसूदी* के मतानुसार कन्नौज के राज्यवंश को उपाधि 'बड़राह' से मिलती है। इन लोगों का कहना है कि इस प्रदेश में सात दुर्ग थे जिनमें से मुल्हेर और सालेर के किले असाधारणतया दृढ़ थे। . बहुत पहले ही से बागलान दक्षिण और गुजरात के समुद्री किनारे पर बीच का स्थान रहा है । तेरहवीं शताब्दी के अन्त में गुजरात के अन्तिम हिन्दू शासक कर्ण ने यहीं पर शरण ली थी। इसके बाद भी यह स्थान गुजरात के और दक्षिण के सुलतानों के बीच लड़ाई का कारण रहा है । कभी इस पर एक का अधिकार होता था तो कभी दूसरे का, और कभी कभी यह दोनों ही के अधिकार से निकल कर स्वतन्त्र हो जाता था। प्रस्तुत शिलालेख में भी गुजरात के सुलतानों को किसी ऐसी ही विजय से अभिप्राय है जिसका मुसलमान इतिहासकारों ने उल्लेख नहीं किया है। यह विजय उन्होंने दौलताबाव के सूबेदार मलिक वागी और मलिक अशरफ बन्धुओं को १४८७ ई० को नीत से पहले प्राप्त की होगी । पल्लीदेश के विषय में प्रसङ्ग स्पष्ट नहीं है परन्तु इतना अवश्य विदित होता है कि इस नाम के देश में इमादल ने एक किला बनवाया था। आजकल के गोधरा तालुका में एक स्थान है जो पाली कहलाता है। ऐसा प्रतीत होता है कि इस प्रदेश के प्राचीन नाम पल्लीदेश के आधार पर हो इस स्थान का यह नाम चला आ रहा हो । शिलालेख में वणित पल्लोदेश को राजपूताने का प्रसिद्ध जिला पाली मानने के लिए प्रसङ्ग को संगति ठीक नहीं बैठती है क्योंकि चांपानेर विजय करते समय महमूद ने उसो भूखण्ड पर अधिकार किया होगा जो आजकल गोधरा ताल्लुका के अन्तर्गत है और जो उस समय पल्लोदेश के नाम से प्रसिद्ध था । राजपूताने में महमूद ने कोई विजय प्राप्त नहीं की। हाँ, जूलवाडा .. और आबूगढ़ के राजाओं से कर वसूल करने के लिये मारवाड़ के सांचोर और जालोर जिलों पर आक्रमण करने का उसने मनसूबा अवश्य किया था। इस हमले का कार्य इमादु * जैसा कि 'बाम्बे गजेटियर' भा० १६, पृ० १८४ नोट ८ में लिखा है । इनमें से बहुत से अब भी मौजूद हैं । (बाम्बे गजेटियर, भा० १६, पृ० : ४००) बहुत सी पहाड़ियों पर सीधी चट्टानें खड़ी हैं और बहुत सी पहाड़ियों पर परकोटे खिचे हुए हैं। इनमें से बिल्कुल पश्चिम में बम्बई प्रदेश का सालेर और इससे करीब दस मील पूर्व में मुल्हेर का किला मुख्य है। ........ + रिवाइज्ड लिस्ट अन्टिक्वेरियन रिमेन्स, बाम्बे प्रेसि०, पृ० ९८ ... जोधपुर राज्य में; देखिए-राजपूताना गजेटियर (इम्पीरियल गजट इण्डिया, प्राविन्शियल सिरीज) पृ० २०३; हेमचन्द्राचार्य ने भी अपने द्वचाश्रय महाकाव्य के सर्ग २० पद्य ३३ में पल्लिदेश का उल्लेख किया है परन्तु उसका अभिप्राय भी राजपूताने के तन्नामक प्रदेश से है । ६ ब्रिग्स, जि० ४, पृ० ६४; कै० हि० इ०, जि० ३, पृ० ३०६, बेले पृ० २०६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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