Book Title: Rajvidya
Author(s): Balbramhachari Yogiraj
Publisher: Balbramhachari Yogiraj

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Page 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (घ) पूर्ण पवित्र ज्ञान से क्षत्री समस्त भूमण्डल भर में राज्य किया करते थे, अब इस समय में लगभग पूर्ण अभाव सा हो जाने से पतन लक्ष में आ रहा है परन्तु परम दयालु जगदीश्वर को इस विद्या का ज्ञान प्रकाश फिर स्वीकार हुवा है वरन क्षत्री तो इस का नाम तक भी भूल गय है उसी की मेहर है जिसका परिवर्तन उत्थान पतन होता रहता है कोटान कोट धन्यवाद उस जगत पिता सर्व शक्तिमान को है जिसने मेहर की दृष्टो इस सर्वोनम ज्ञान प्रकाश द्वारा स्वीकार को है इस परम तत्व को इन रावराजाजी साहिब ने समझकर अपने स्वामी महाराजाजी साहिब बहादुर की सेवा में अपना आत्मिक भाव समर्पण. किया है। स्वामी लालपुरी ठी० फतेह सागर. जोधपुर. For Private And Personal Use Only

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