Book Title: Rajvidya Author(s): Balbramhachari Yogiraj Publisher: Balbramhachari Yogiraj View full book textPage 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (ख) सरदारो ने सहायता सम्मति दी है परन्तु इस सर्वोपरि जगत हितकारी कार्य में सब से अधिक सहायता तो रावराजाजी श्री गुलाबसिंहजी साहिब ने दी है, जो एक उदारवित्त वीर क्षत्री बड़े रावराजाजी श्री तेजसिंहजी साहिब के पाटवी पुत्र जिनकी योग्यता एक अधिक उच्च क्षत्रियों की योग्यता से समानता रखने वाली है। आप सरल स्वभाव सर्व दुर्व्यसनों से निवृत सब गुण सम्पन्न सच्चे न्याय धर्म को समझने वाले उच्च भाव के सच्चे राज भक्त स्वामी के शुभचिन्तक निरन्तर इस सत्य वचन को अपने ध्यान में प्रीति प्रशंसा के साथ रखते हैं कि“विधना अपने हाथसे तोले सर्व करम्म । सौ सुकृत इक पालड़े एको साम घरम्म ॥” . इस प्रकार सत्री भक्ति से साम धर्म को पालने वाले बड़े महाराजाजी श्री श्री १०८ श्री तखत. सिंहजी साहिब बहादुर की अधिक योग्य सन्तान में से हैं इस अद्वितीय परम उपयागी अत्यन्त For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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