Book Title: Prakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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जइ सव्वं सायारं जाणाइ
जतिपज्जुवासणपरो सुहुमजइ सव्वं सायारं जाणाइ (स.सू.) ६४ जओ साहू जहन्नेणं (वि.सा.)३५५ जडियं खचिए, जगलं (दे.ना.) ३२७ जइ सव्वगओ कण्हो (धूर्ता.) ४७३ जओ सुपत्तदाणेणं, (श्रा.दि.) १७९ जड्डाणं चड्डाणं निविण्णाणेण (ति.गा) ११९३ जइ सव्वदोसरहियं गुणबल- (ज्यो.सा.) २३८ जक्करिया गलहुलिया बावीसं (द्र.प.) ९८ जणएण य ते पुत्ता (न.मा.) ६२० जइ सव्वन्नुकओ सो (ध.सं.) ११५८ जक्ख पिसाय महोरग, (बृ.सं.) ३९ जणगो वि तेसिमेवं (प.वि.) ५२ जइ सव्वसावयाणं एगच्च (षष्ठि.) ५१ जक्खब्भत्थण विण्णवण (उ.प.) ९३० जणचित्तग्गहणत्थं वक्खाणाइ (सं.प्र.) ४७४ जइ सव्वहा अजोग्गे वि (उ.प.) १००९ जक्ख वओ विद्धिकरो (वा.सा.)५८ जण जिण पवयण (बा.बो.)१०१ जइ सव्वा वि वसुमई (धूर्ता.) २५९ जक्खसहस्सा सोलस (वि.सा.)५५४ जणणिजणगाइ पुव्वं (पिं.वि.)७२ जइ ससि(स)हराण मज्झे (ग.हो.) २३ । जक्खसहस्साहिट्ठिय-मह (न.मा.) १।९३ जणणिसहिए जिणिदे (ति.गा) १८७ जइ सालंबणसेवी संकप्पा- (सं.प्र.) १५३२ जक्खस्स तस्स जत्ता वट्टइ (धूर्ता.) १०० जणणीए अंगाई पीणेइ (भ.भा.) २५७ जइ सिरिजिणेसरो (प्र.प.) ४०६ जक्खाइगुत्तदेवयपूया पूया- (सं.प्र.) ४०५ जणणीए अनिसिद्धो, निहओ (पु.मा.) ३३८ जइ सुकयज्झवसाओ (पव्व.) ३० । जक्खाए वा सुव्वइ, (चे.म.) ७८५ जणणीए जाणणकए (न.मा.) ११४८ जइ सुकुसलो वि विज्जो (सं.प्र.) १४९१ जक्खा गोमुह महज- (सप्त.) २२५ जणणीए दंसियाओ (न.मा.) ७।२७ जइसुत्तो ता भुत्तो काल- (वै.र.) २५ जक्खा गोमुह महजक्ख (प्र.सा.) ३७३ जणणीए पक्खोडिय लोइय (उ.प.) ५८४ जइ सुद्धभावणाए जीव- (वै.र.) ३४ जक्खा गोमुह१ महजक्खर (वि.सा.)४३० जणणीए सा भणिया (न.मा.) ७।२१ • जइ सुहुमइआराणं बंभी- (पंच.) ८६६ जक्खा गोमुह १ महजक्ख (एक.) ५७ जणणी जायइ जाया, जाया (वै.श.) २२
जइ से अस्थि सहाया, (गु.त.) २२२६० जक्खा य जक्खदिण्णा (ति.गा) ७५४ जणणी जायइ जाया जाया (वि.मं.) १०७ जइ से दुक्खत्ताए सव्वे (आरा.२)९११ जक्खा य १ जक्खदिन्ना २ (वि.सा.)५२१ जणणी जाया वग्घी तीए (वि.मं.) ४० जइ सोक्खिण्णुहि (बा.बो.) १६ जक्खा य [त]वग्गम्मि, (ज.पा.) ३६९ जणणी पुच्छमणिच्छे (उ.प.) २१६ जइ सो न देइ अज्जाणं, (व्य.कु.)२८ जगइपरुप्परअंतरि तह (ल.क्षे.) २२१ जणदगसिंचण संका मोहो (उ.प.) १०२२ जइ सो वि निग्गुणो (व्य.कु.)५५ जगई पासायंतरि रस (प्रा.वि.) ३८ जणप्पिओ सुंदरत्तेण (ध.गु.) १२ जइ सो वि समाणगुणो, (षट्) ८ जगगुरुगोयरनेहेण (गु.वि.)२ जणमणनयणाणंद, जणेइ (हि.उ.) २३० जइ सोहणम्मि धम्मिअ- (स.श.) ८० जगगुरुजिणवरवयणं, (सं.श.) ३३ जणयंति किलेसं अज्जणम्मि (सं.मा.) ५९ जइ हीणं तेसिं गुणं (ध.प.) ३९ जगगुरुजिणस्स वयणं (षष्ठि.) ९९ जणवय अद्ध णिरोहे, (गु.त.) २२२७५ जइ हुंति पंच तित्था (बि.प.) १४ जगचूडामणिभूओ, (उव.) २ जणवयवंसं पत्तो सज्झाए (ति.गा) ८७९ जइ हुँति पव्वयाणं पुत्ता (धूर्ता.) ४७८ जगमत्थयत्थयाणं विगसिय- (चं.प.) १ जणवय १ संमय २ ठवणा (गाथा.) १६७ जइ हुज्ज अप्पदोसो, (गु.त.) २६१०१ जगरा-जीरयजुत्तं ओयणमिह (ल.सा.) ११२ जणवयसंमयठवणा-णामे (भा.र.) २२ जइ हुज्जइ गुणो (पं.लि.) १९ जगरा य बारपहुरा, (गाथा.) ८८ जणवय संमय ठवणा नामे (प्र.सा.) ८९१ जइ हुज्ज गुणो विसयाण (सं.मा.) १३४ जगलं पिंगलसरओ (पा.ल.) २११ जणवय१ संयम ठवणा३ (र.सं.) १५९ जइ हुज्ज दुण्णि दिवसे (पा.स.) ५४ जग्गंति जणा थोवा सपरेहिं (ग.सा.) ८९ जणवय १ सम्मय २ ठवणा (सं.प्र.) ५५८ जइ हुज्ज न तव्वयणं । (पं.लि.) ९० जग्गइ सव्वो वि मुणी (य.च.) २ जणवल्लहो सल्लज्जो सोमो (सं.प्र.) १०४० जइ हुज्ज मच्छियापत्तसरि- (आरा.२)६१२ ज चिय लोओ मन्नइ तं (षष्ठि.) १४६ जणविम्हयजणणीओ जयंति (वि.मं.) ५५ जइ हुयवहु त्ति वुत्तो (मि.म.) १६ जच्चंधो इह णेओ अभिण्ण- (उ.प.) ४७७ जणियपमाओ साहू (ज्ञा.क.)४१ जइ होऊणं भव्वा वि . (ज.प्र.) ९ जच्चाइगुणविभूसिअवर- (पंच.) ८८४ जणियसमत्थअणत्थे सव्व- (द्वा.कु.) ८७ जई पुण पासत्थाई (जी.अ.)२६० जच्चाइदोसरहिओ अव्वा- (श्रा.प्र.) ३६१ जणेइ निव्वुइ जंतु, (व्य.कु.)५७ जई मंचयस्स उवरि (पि.क.)५ जच्चाइधणाण पुरो तग्गुण- (पिं.वि.)६३ जणो सुणित्ता नणु जाइ (उ.स.) ३७ जई वड्डावई तो पुण (सं.प्र.) ९९१ जच्चाईहिं अवण्णं विहसइ (पंच.) १६३९ जण्णं कुमईवग्गो। (प्र.प.) ३०७ जउछगणाइविलितं उब्भि- (पिं.वि.)४८ जच्चिय देहावत्था, जियाण (ध्या.श.)३९ जण्णं चुण्णीवयणं (प्र.प.) ५७९ जउणावंके जउणाएँ कोप्परे (उ.प.) ४५९ जच्चिय देहावत्था जियाणं (सं.प्र.) १३४९ जण्णं दुल्लहराया दसचउ- (प्र.प.) ३६० जउनंदणो महप्पा, जिणभाया (इ.प.) ६८ जच्चिय विवागवेदणरूवा (ध.सं.) ५८४ जण्णं दूसमसमए सावय- (प्र.प.) ५१४ जउनंदणो महप्पा, जिणभाया (शी.उ.) ३२ जच्छंदओ सततम्मि, (दे.ना.) ३२९ जण्णं सवीसराए मासे (प्र.प.) ५२४ जउ परगच्छि सगच्छे, जे (गु.कु.) २६ ज जिय सत्तभया, मय . (न.प.) ६३ जति अयणा सुझंती (जो.प.) ३५५ जओ पूयापभावेणं, (श्रा.दि.) २७ जज्जरजज्जरियसकज्जलाइं (जी.प्र.) ६८ जति एगा कह भिन्नेसु (ध.सं.) ३२५ जओ-बूढो गणहरसद्दो (ग.ल) ५ जज्जाईओ अ हओ तज्जा- (श्रा.प्र.) २४० जति ताव मतं धम्मो (ध.सं.) ४९ जओ सव्वन्नुपन्नत्तं, धम्म (श्रा.दि.)२४६ जडमउडमंडिआ (स.र.) १७ जतिपज्जुवासणपरो सुहुम- (पंचा.) ४७८
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