Book Title: Prakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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माणुस्सं सामन्नं च
मासलहू सग्गामाहडम्मि माणुस्सं सामन्नं च (ऋषि.) १०८ माय-पिय-बंधु-भज्जा- (पु.मा.) ३९० मायिंदजालचवला, विसया (इ.प.) ८५ माणुस्स १ खित्त २ जाई (र.सं.) ४९२ माय-पियर जे धम्मि - (उ.रा.) ७८ मारइ विसलेसो वि हु (उ.प.) ४६८ माणुस्स खेत्त जाई कुल- (भ.भा.) ४६८ माय भुयंगी गरुल भरु, (बा.बो.) १०८ मारिज्जंता वि दढं कोवं (ध.मा.) २३ माणुस्सजम्मे तडिलद्धयम्मि, (वै.श.) ६९ माया असाढ अंगय (आरा.१)५३६ मा रुसह मा तुसह कस्स (वै.र.) ९४ माणुस्सजम्मे तुडि- (भा.कु.२) ३ मायाइ णिस्सिया सा, (भा.र.) ४४ मा रुसह रोसिल्ले, मा (उ.चि.) २७९ माणुस्सयं चउद्धा अट्ठि (प्र.सा.) १४६९ मायाइदोसरहिओ पइसमयं (सं.प्र.) १४९७ मा रूस णत्थि एत्थं आगमणं (उ.प.) १८२ माणे इमीऍ भावो (ध.सं.) ६८९ मायाए आइच्चो लोभे (आ.म.) ३२ मारेइ इक्कसि चिय (आरा.२)६३७ माणे झरइ रुअंती, (गाथा.) २४३ मायाए विविहरूवं रूवं, (पिं.वि.)६९ मारेइ एगमवि जो (आरा.२)५१२ माणे झरइ रुयंती६ (र.सं.) ३६५ माया कवडं कइअवं, (पा.ल.) १५७ मारेइ जियंतं पि हु (स्त्री.प्र.)८ माणे झरइ रुयंती च्छायइ (सं.प्र.) १२७८ माया कुडंग पच्छनपावया (उव.) ३०६ मारेति दुस्समाए वि (उ.प.) ८०१ माणे भरइ रुयंती६ (सं.कु.) ३ मायागहणे बहुदोस- (आरा.२)६४३ मा लंघसु ववहारं (प्रा.सं.) ८६ माणो मयऽहंकारो, (उव.) ३०४ माया जायइ पत्ती, पत्ती (दे.श.) ४४ मालंति महीयलं जामिणीसु (सं.प्र.) ११९८ माणो विणयविणासो (ध.उ.२)१३ मायाणिअडिपहाणा अकज्ज-(धूर्ता.) ५ मालइगुणणुण्णो महुअरस्स (उ.र.) ८९
मा ताओ चेव तुम (न.शा.) १५ माया तिरियाणहिया, (पु.मा.) २९० मालइगुणण्णुणो महुअरस्स (य.स.) ४८ • मा तेसु कुणे नियाणं (आरा.३) १८५ मायादंभे कुसलो उक्कोडा- (सं.प्र.) १२९२ मालधर सोलसंसे गइंद (बि.प.) ११
मा देसु तेसु मणयं (जी.अ.)९ माया नियगमइविगप्पियम्मि (उव.) १४५ मालविय चउक्कडिया तोला (द्र.प.) ९४ मा निप्फलारंभपरो (ध.गु.) २३ मायापरस्स मणुयस्स झत्ति (द्वा.कु.) ८।१५ मालाकुंकुम-माहारयणा (दे.ना.) ५९४ मा पडिमाण विवाओ (प्र.प.) १६७ मायापिइपीडवत्ती गिलाण- (उ.प.) ९५४ मालाधराइयाणं धुवणजलाइ (सं.प्र.) १७८ मा पुण एगं पुच्छिय (ध.ब.) १७ मायापिईहिं भणिओ (उ.प.) ९६२ माला य वेजयंती विचित्त- (ति.गा) ५८४ मा भणह अलियवयणं (वै.र.) ४४ मायापिईहिं सहवड्डिएहिं (भ.भा.) २३ मालायारे आरंभिओ य, (दे.ना.) ७१ मा भमसु अरण्णाई (धूर्ता.) १६२ माया-पिति-पुत्तेसु (आरा.२)६६४ मालालुगप्पभोगाइणायओ (उ.प.) ९६१ मा भाहि उमावइणो
मायापियबंधूहि, संसार- (वै.श.) १९ मालाविहारम्मि मएऽज्ज (गाथा.) ७४२ मा भाहि नित्थरीहिसि (ति.गा) ७५१ माया-पियरो भाया (आरा.१) ४७१ माला सग्गपवग्गमग्गगमणे- (मा.उ.) ६ मा मह उण्हं होहिइ (आरा.३)१८९ माया-पियरो भाया (आरा.१)७३४ मालूर-तोत्त-णहसिइ- (दे.ना.) ३०५ मा मह छुहा भवीहिइ (आरा.३)१९० मायापियाबंधवसयणविंदं, (भा.कु.२) ९ मालूरो अ कविट्ठम्मि, (दे.ना.) ५९२ मा मह सीयं होहिइ (आरा.३) १८८ माया पिया य भाया, (उव.) १४४ मालोहडं तु भणिअं (पंच.) ७५० मा मां कुणसु अवन्नं (जी.अ.)८१ माया पिया य भाया य (मू.शु.) ८८ मालोहडं तु भणियं (पंचा.) ६०८ मा मा जंपइ बहुयं (षष्ठि.) १२५ माया [मा मा?] परवंचणु (संय.) २५ मा वयह कडुयवयणं परम- (वै.र.) ९३ मा मा जंपह बहुअं, (वै.श.) ७६ मायामोसं मिच्छादसण- (आरा.४) ३८ मा वहउ कोइ गव्वं (गु.श.) ८२ मा माऽऽणवेसु एवं, . (चे.म.) ५६३ मायामोसं१७ मिच्छादसण- (वि.सा.)८७६ मा वीसंभह ताणं महिला- (स्त्री.प्र.)७ मा मा तुमं णिवारसु (जी.अ.)३९ मायामोसं मिच्छादसणसल्लं (प्र.सा.) १३५३ मा वेअणा उ तो उद्धरित्तु (पंचा.) ७५५ मा मा तुमं निवारसु (जी.अ.) १०७ मायामोसे खवगो (आरा.१)५३९ मासं निवसइ खित्ते, (गाथा.) ५२४ मा मुज्झह मा रज्झह (ष.स.) ४८ मा याऽऽयन्नह मा य मन्नह (द्वा.कु.) ३।११ मासं निवसइ खित्ते छव्वी- (पंच.) १४५८ मा मे इक्को वि खणो, (उ.चि.) ६४ माया य भवइ भज्जा, (आरा.१)७३९ मासं पाओवगया (श.सं.) १०१ मा मे उण्हं होही (आउ.२)१६ माया य वाउली विव (ध.उ.२)१४ मासखमणं तु लब्भइ (सा.प.) ९८ मा मे छुहा भविस्सइ (आउ.२)१४ मायालोभकसाए, (न.भा.) ७५ मास-छमास-वच्छरिअ- (मि.कु.)६ मा मे तण्हा होहिइ (आरा.३) १९१ माया लोभो रागो, (आरा.१)६९९ मासट्ठ इक्कु तोलउ रुप्पो (द्र.प.) ९९ मा मे तण्हा होही (आउ.२)१५ माया लोभो रागो, कोहो (पु.मा.) ३२१ मासतुसादीयाण उ मग्गणु- (उ.प.) १९३ मा मे फुसंतु परिणाम- (आरा.१)५५५ मायावत्ती एसा पत्तो (प्र.सा.) ८३२ मासतुसो सुहभावो (श्रुता.) १५९ मा मे सीयं होही (आउ.२)१७ मायावलेव कलुस- (त्रि.कु.) १४ मास-दिण-रिक्खसुद्धि, (दि.शु.) १२१ मायं चिय अनियट्टीभागं (क.प्रा.२) ४७ मायावलेहि-गोमुत्ति- (पु.मा.) २८७ मासद्धमासखवओ, बलभद्दो (त.कु.) १८ मायं लोहं कलहं परपरिवायं (वि.मं.) ८६ मायाऽवलेहिगोमुत्तिमिंढ- (क-१) २० मासलहु पढमभेए मासगुरुं (पिं.लो.)२३ माय पिअ जिट्ठभाया, (गु.भा.) १४ मायावाहसमारद्ध-गोरि- (भ.भा.) २१२ मासलहु पयडकरणे पगास- (पिं.लो.)१२ मायपिअभाइभयणी- (योनि.) १२ मायासीलह माणुसां, (गाथा.) ८०८ मासलहू सग्गामाहडम्मि (पिं.लो.)१८
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