Book Title: Prakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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विटिअ बंधणधरणे अगणी
विटिअ बंधणधरणे अगणी (पंच.) २८२ वितरजाइ विसाओ उस्सूणविधिज्जंता असयं, जम्म
विसित्थि गाउ पुरिसा, विअडणपच्चक्खाणे सुए विअपयराइ करंगुलविअलछवीसे कुखगइ विअले तिरि- अडवीसे विच्छति वगरहा, विउणु करि चालि भायं विलं रज्जं रोहिं विलं रज्जं रोगेहि विलं वत्थविसेसण नाणं विउले णयरुज्जाणे समंतओ विउले सक्कारम्भ सहिय विउलो वि हेममउलो
विउविदुगस्स सुभत्ता विउविसुराहारदुगं, विउव्वियकम्मबंधण
विक्खंभवग्गदहगुण(उ. प.) ५९४ विक्खंभवग्गदहगुणकरणी (वै.श.) ८८ | विक्खंभवग्गदहगुणकरणी (त्रै.दी.) ४७३ विक्खंभवग्गदहगुणमूलं (पंच.) ४७७ विक्खंभवड्ढणस्स उ विक्खंभसीम भणिया विक्खंभायामाणं
(देह) ६
(क.सं.) ९२
(क.सं.) ९६
| विक्खंभायामेहिं जोयण
( श्रा. ध. ) ४९ (गणि.) ३८ (पु.मा.) ८ (आरा. १) ५९८ (प्र.सा.) १५०० (धूर्ता.) ४०९ (जी.अ.) २२३ (सा.उ.) २०
(श.भा.) ६३४ (क-५) ६७
विसह अंचल दक्खियइ, विउसेणं जइयव्वं मोक्खविकल्पवागुराजालाद्दूरोविकहं विणोयभासं विकहाकसायनिद्दासद्दाइरओ (ष.भा.) ६ विकहा धरणयदा, कलह - (चे.म.) ६५ विकियं विकारवन्तं,
(क.ब.) १४ (प्रा.सं.) ७५ (श. भा. ) १५ (गाथा.) १९९ (उव.) ४८५
विक्कमकालस्स गए विक्कमचरियहु राणहु विक्कम नरिंद भणिमो विक्कमनिवकालाओ विक्कमवच्छ्राओ य विक्कमसंवच्छरि सय बारह विक्कमाइ जे वरिस मास विक्खंभं आयामं, परिहिं विक्खंभपरिक्खेवो, विक्खंभ पीय अक्खय, विक्खंभ मूल गंडे विक्खंभ वग्ग दसगुण विक्खंभ वग्ग दह गुण विक्खंभ वग्ग दहगुण,
विकियवयणु बुल्लइन विक्कंभपरिक्खेवे, विक्कमओ अत्तपन्नरससएहि (प्र.प. ) ६६८
(षट्) ३३ (उ.रा.) ७३ (दे. प्र) ३१४
विक्कमओ पणपनरुद्द -
(सू.प्र.) ७५ (पा.ल.) प्र. १. (वि. सा.) ५१३
(द्र.प.) ७९ ( आरा. २) ९८७ (श.सं.) १८६ (का. कु.) ३ (गणि.) २३१ (बृ.सं.) १२४ ( दी. प.) २० (ज्यो.) ४८ (ज्यो.सा.) १९ (जो. प.) १९६ (गणि.) १५३ (ल.सं.) ७
व
विक्खंभुसु जीवाधणु, | विक्खंभेणंजणगा
| विक्खंभे परिगणियं विक्खंभो कोडिसयं विक्खंभो घणउदही, विक्खंभो तह परिह विक्खंभो भरहद्धे, दोन्नि
| विक्खायकित्तीपसरो विक्खित्त पराहुत्ते, अ |विक्खित्तपराहुत्ते पमत्ते विक्खित्तयं पइण्णं, विक्खिन्नकेसरसहं(डं) विक्रमाय रिपुगः शुभः विगई विगइ भिओ, विगई विगईभीओ विगई विगईभीओ विगइगयासं सट्टा, उत्तम | विगई आहारेइ निच्चं विगईओ निविगईयं विगईओ सव्वओयण विगईकारणम्मी जो उ
|
विगईणं परिमाणं,
विगई दव्वेण हया विगई परिणइधम्मो विगई परिणइधम्मो विगई विगइगयाणि विगई विगयगयाणि | विगए विणए मंडलजिब्भे विगमस्स वि एस विही विगल इगवीस अणुपुव्विविगलति असन्निसन्नी, विगलतिगं निरयतिगं
| विगलतिगं वेडव्वियछक्कं
(क. प्रा. ३) ४३ (श.भा.) ६१३ विगलतिगं सुहुमतिगं (श.भा.) ५६६ विगलतियसन्नसन्नी पज्जत्ता (श. भा. ) ४२ विगलपणिदियदव्वाण संभवं (सं.प्र.) १३५
३२४
(आरा. १) ९३ (जी.अ.) २९२ ( श्रा. दि.) २६३ (सं.दो.) ९९ (पंच.) ३८३ (प्रत्या. ) १९८ (प्र.सा.) २२४ (प.भा.) ३६ (दे.प्र) २९
(बृ.क्षे.) ७ (सि.सा.) १४ (सू.प्र.) ६ (ल.क्षे.) १८८ (जो. प.) २३१ (जो. प.) १५५ (अं.स.) ३४ (प्र. सा. ) १४८० विगलिंदियाण अस्सन्निणं (बृ.क्षे.) १२९ विगलिंदियाण तिन्हं ( दी. प.) ३५ | विगलिंदियाण बारस (सि.सा.) ४ विगलि असन्निसु जिट्ठो, (प्र.सा.) १४७२ विगलियघणरागदोस(बृ.सं.) २१५ विगलियवयाण सरणागयाण (सि.सा.) ३ (बृ.क्षे.) २६ (न.मा.) २।४९
विगलेंदिएसु दो दो, विगलेंदियाण बारस,
विगले छगते निरये
विगले पंच पज्जत्ति, विगहाकसायअइखरविगहा कसायचत्ता, विगहाकसायनिद्दासद्दाइरओ
(गु.भा.) १५ (प्र. सा. ) १२४ (पा.ल.) १८९ (ति.गा) १०३ (वा.सा.) प. ३ विगहा कसाय सण्णा, (प्र.भा.) ४० | विगहापमायखग्ग-कुंतग्गेहि (पंच. ) ३७० विगहा- परिहारेणं, सज्झायं ( प्रत्या.) २०० विगहावसणविरत्तो परोवयारी (प्र.भा.) ३९ विगहा- विवायरहितो, (जी.अ.) १९ | विगहोस्सुत्तमहानिल(प्र.सा.) १५१८ विगि (ग) लिंदियसाहारण विग्गइगइमावन्ना, केवलीणो
विग्गह कत्ती फग्गुणी, विग्गहगइमावन्नगजियाण विग्गहगइमावन्ना विग्गहगइमावन्ना,
विग्गहगइमावन्ना, केवलिणो विग्गहगइमावन्ना केवलिणो विग्गहगइमावन्ना केवलिणो
विग्गहवती विव दया,
विग्घाणं चाभावो भावे (क-५) ४३ (स.भा.) १४४ (पं.सं.) ६
(दं.प.) २३०
(प्र.सा.) ९६९
(वि. सा.) ८०१
(भ.भा.) १८६
(न.भा.) २७
(स.सा.) ६४
(प्र.सा.) ११०३ (क-५) ३८
(उ. वि. २) १६ (दा.मा.) ८४ (त्रै.दी.) ४८५
(त्रै.दी.) ४२८
(क.सं.) ११२
(दंड.) २९
(स.सू.) १३१ (स.भा.) १०१
(क. प्रा. ४) २०
| विगलसुहुमाउगतिगं, विगला मणेसु ते वि विगलासन्नीपज्जत्तएसु विगलिदिएसु दो दो, विगलिदिएसु दो दो विगलिदिएसु दो दो विगलिंदिया अवत्तं रसंति
विग्गहविवायकज्जे विग्गहविवायरुइणो
| विग्गहविवायरुइणो, कुल
विग्गोवो आउलया, विग्घं नाणावरणं पणगं विग्घविघायणहेडं
| विग्घविघायणहेउं
विग्घाणं चाभावो भावे
(न.मा.) ११।२८
(आरा. १) २५६ (श.भा.) ८७ (दं.प.) १४६ (न.मा.) ८/७९ (हि. उं.) ४८४ (उप. ) ३।१४८ (चे.म.) २४९ (न.मा.) ५९
(पं.प.) ४६ (सं.श.) ८४ (ज्यो.) १११ (प. स्था.) १५
(जी.स.) ८२
(बृ.सं.) १८८ (दं.प.) २१७
(श्रा. प्र. ) ६८ (प्र.सा.) १३१९ (ति.गा) ८४०
(जी.अ.) १७७
(जी.अ.) १७८
(उव.) ७०
(दे.ना.) ६७४
(श.भा.) ८८९
(जी.अ.) १०२
(जी.अ.) १०५
(पंचा.) ५७

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