Book Title: Prakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 338
________________ वंदामि णिट्ठियटे, वग्गागयाण तुरियाईणं वंदामि णिट्ठियटे, (अ.आ.)३ वंदिय राईसंथारयम्मि (पो.वि.)५९ वइसाहठाणठिअपय- (लो.द्वा.)२ वंदामि तवं तह संजमं. (दं.प.) १८७ वंदिय सामाइयए ठायह (पो.वि.) १२ वइसाहपुण्णिमाए समणं- (य.च.) ४९ वंदामि नेमिसीसं वय- (ऋषि.) २८ वंदे इगवीसइमं नारयजीवं (प्र.सा.) ४६८ वइसाहमासखमणं पुंडरिए (सा.प.) ९९ वंदामि बारसंगी (अ.आ.)५ वंदे जुगंधरजिणं सीमंधर- (स.म.) ११ वइसाहसुद्धएक्कारसीए (ति.गा) ११०० वंदामि महासत्तं गयसु- (स.म.) २० वंदे तेयलिपुत्तं तोसलिपुत्तं (स.म.) २५ वइसाहसुद्धदसमी (उ.पं.) २० वंदामि वंदणिज्जे अवज्ज- (अ.आ.)९ वंदे दसन्नभई समसीसीए (वि.मं.) ४५ वइसाहसुद्धदसमीए केवलं (ति.गा) १०९४ वंदामि वंदणिज्जे, सदेव (अ.आ.)६ वंदे पसन्नचंदं दसन्नभई (स.म.) १६ वइसाहसुद्धदसमी केवल- (पंचा.) ९५९ वंदामि संपयं जे, (अ.आ.)२ वंदे महानिसीहं उत्तर- (श्रुत.) १८ वइसाहे मग्गसिरे सावणि (वा.सा.)२३ वंदामि सव्वन्नुजिणिदवाणि (मू.शु.) १ वंदेयव्वाई चेई-चाई (उ.वि.२) २८ वइसिय सज्झायाई करेइ (पो.वि.) ३८ वंदावंदविभागो (जी.अ.)१६१ वंदेयव्वाई वेइयाई एगग्ग- (उ.वि.१) ३५ व क च त्त ए ह स प्प (वा.सा.)११ वंदिज्जंतो हरिसं, निदि- (दं.प.) १८६ वंदे सयाउ सच्चइ जुत्ति- (प्र.सा.) २९७ वक्कंतजीविया पत्थिवादओ (वि.ण.) २८६ वंदिज्जंतो हरिसं, निदिज्जंतो (पु.मा.) २१३ वंसं सुहेण छिज्जइ (आरा.२)२६३ वक्कंतणु वुक्कंतो, (बृ.सं.) २२२ वंदिज्ज चेइयाई सव्वभुवणे (य.च.) ६२ वंसगकडगुकंचणच्छायण- (वि.सा.)२६८ वक्कंतमवक्कतो, विक्कतो (दे.प्र) ५ वंदित्ता थुइथुत्तेहि, (श्रा.दि.)३६ वंसगकडणोकंपण-छावण- (पंच.) ७०८ वकंतमवकंतो, विक्कंतो (त्रै.दी.) ३५७ वंदित्ता नीहरई दाहिणदारेण (स.प्र.) १६ वंसगकडणोक्कंबण (प्र.सा.) ८७२ वक्कं होइ तवग्गे, अहरोट्ठा (ज.पा.) ३५७ वंदित्ता सिरिवीरं, वंसावुच्छेअट्ठा ठविज्जमाणो (प.वि.) ४१ ।। वक्कजडा अह सीसा के वि (ध.ब.) २६ वंदित्तु चेइयाई, दाउं (प्र.स.) ३ । वंसी अडयालीसं मम्माणी (गणि.) १७८ वक्कत्तमंगुलीओ कहंचि (ध.सं.) ३४९ वंदित्तु चेइयाई निरुवस्सग्गं (प.आ.) २४१ वंसी अडयालीसं सट्ठि (गणि.) ३०५ वक्कत्थाइदिसाए अण्णेसु (य.स.) ४३ वंदित्तु चेइयाई, मज्झण्हे (स.शा.) ६७ वंसीजालपविट्ठो चरइ तवं (धूर्ता.) ४६ वक्कत्थाइ मइ च्चिय ईहा- (उ.र.) १७३ वंदित्तु णमोक्कारं कईतो (पंच.) १३४३ वंसीणालीओ रिसी णिक्खि-(धूर्ता.) ४९ । वक्कत्थो पुण एवं विच्छेओ (उ.र.) १६९ वंदित्तु तओ तुब्भं पवेइअं (पंच.) १३४२ वंसी सुहेण छिज्जइ कड्डि- (पव्व.) २० वक्कल्लयं च पुरओ कयम्मि, (दे.ना.) ६५६ वंदित्तु तओ पच्छा अद्धा- (पंच.) ४५८ वंसो वेणू वेलू य, . (पा.ल.) १४४ वक्कस्स भज्जमाणस्स जस्स (र.सं.) ४४५ वंदित्तु पवेयअह भणइ (पंच.) १४६ वइकायविरहियाण वि (म.भा.)४ वक्खाइसद्दओ जं अविसिट्ठा (उ.प.) ८८६ वंदित्तु पुणो सेहो (पंच.) १४० वइ-जवणीसु पडिल्ली, (दे.ना.) ५२७ वक्खाणं एईए तत्थ (जी.अ.)२५२ वंदित्तु वंदणिज्जे, (चै.भा.) १ वइडुज्जो य रसाओ वसाउ (र.प.) १० वक्खाणंति मुणीयो (आ.शा.)६ वंदित्तु वद्धमाणं, (पं.प्र.) १ वइणी वि गुणगणेणं (पंच.) १३३२ वक्खाणं निसुणंता अगहिय- (य.च.) ५७ वंदित्तु वद्धमाणं, (गा.भ) १ वइदेहा विक्खंभा, नइमाणं (बृ.क्षे.) ३६३ वक्खाणं पुण पज्जोसवणा- (प्र.प.) ४२० वंदित्तु विणयपुव्वं, (स.शा.) ७५ वइदेहा विक्खंभा, मंदर- (बृ.क्षे.) २६४ वक्खाणम्मि समत्ते काइय- (सामा.) ८३ वंदिय इच्छाकारेण पोसहे (पो.वि.)९ वइ-मुक्खेसु परिअडी, (दे.ना.) ५३५ वक्खाणसमत्तीए जोगं (पंच.) १००९ वंदिय उवहिं अम्हेहिं । (पो.वि.)३७ वइमेत्तं णिव्विसयं दोसाय (पंचा.) ५६४ वक्खाणाओ विसेसो (जी.अ.)२६७ वंदिय कट्ठासणयं संदिस्सा- (पो.वि.) १३ वइरम्मि संघमाणण (उ.प.) १४२ वक्खाणेअव्वं पुण जिण- (पंच.) १०१८ वंदिय कयंजलिउडा (आरा.२) १७४ वइराड मच्छ वरुणा अच्छा (प्र.सा.) १५९० वक्खायं चिय एयं नवरि (प्रत्या.) २०८ वंदिय जिय सव्वभयं, . (उ.कु.३)१ वइराडमच्छ १६ वरूणा (गाथा.) १९४ वक्खायं पुरिमटुं इण्हि (प्रत्या.) १०६ वंदिय तत्तो वि गुरुं (सामा.) ८२ वइराड वच्छ १६ वरुणा (वि.सा.)४८ वक्खारपव्वयाणं आयामो, (बृ.क्षे.) २५९ वंदिय तिजयसरने गुरुणो (च.मू.) १ . वइराड व(म)च्छ १६वरणा (वि.वि.)६४ । वक्खित्त पराहुत्ते पमत्ते (पंच.) ३२७ वंदिय देवं पासं, बंधो- (बं.उ.) १ वइरे अंजण वरमाल, (त्रै.दी.) १३६ वक्खित्त१ पराहुत्ते२ पमत्ते३ (वि.सा.)७३६ वंदिय नंदियलोयं (नं.स्त.)१ वइरे अंजण वरमा, ल (बृ.सं.) १३१ वक्खित्त पराहुत्ते, पमत्ते (गुरु.) १६ वंदिय पुणुट्ठिआणं गुरूण (पंच.) १२९ वइरे अंजणवरमालअद्धेि __(दे.प्र) १३३ वक्खेवविरहिएणं पसत्थ- (आ.वि.)२१ वंदिय पोत्ति पेहइ तो (पो.वि.) २२ वइरोअणो अ बुद्धम्मि, (दे.ना.) ६६१ वगंति फोडणं(?)ति- (ति.गा) २३८ वंदिय पोत्ति पेहइ वंदणयं (पो.वि.) १६ वइविवरविहियझंपो गत्ता- (भ.भा.) २१५ वग्गक्खरम्मि दितु, तत्तो (ज.पा.) २८७ वंदिय भणई दंडाउंछय (पो.वि.) २८ वइविवरे तह मग्गे (दे.ना.) ५२९ वग्गक्खरा तिपु(गु)णिया, (ज.पा.) ३५० वंदिय भणेइ इच्छाकारेणं (पो.वि.) ९५ वइसाहअसिअ दसमी, (सप्त.) ३१० वग्गणअणंत आयव (वि.पं.) ३० वंदिय भणेइ पोसहु (पो.वि.) ८९ वइसाह ११ चेत्त १२ (ति.गा) ४१३ वग्गस्साइल्लाणं उद्देसाणं (जोग.) ५२ वंदिय भणेइ संदिसह (पो.वि.)८० वइसाहट्ठाणट्ठिय-कडित्थ- (वि.वि.)४४ वग्गागयाण तुरियाईणं (अं.स.) ४१ 390

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