Book Title: Prakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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निन्नेहविदलसंभवमवि
निययविहवाणुरूवं संपाडिय निनेहविदलसंभवमवि (सं.प्र.) १२०३ निम्मल्लं पि न एवं भणइ (सं.प्र.) १५९ नियतणुछायाएँ नवहि (प.स्था.)४२ नि १ पु २ ए १ आं १ उ (सं.प्र.) १५६१. निम्मल्लं पि न एवं, भण्णइ (गाथा.) ३०४ नियतणु नवहि पएहिं पोसे (र.सं.) २८९ निप्पच्चवायचरणा कज्जं. (ग.सा.) ११७ निम्मल्लं पि न एवं, भन्नइ (चे.म.) ८९ नियतणुसायनिमित्तं आहा- (सं.प्र.) ४२३ निप्पच्चवाय परगामाहड- (पं.प.) २६ निम्मल्लविहिनिम्मिय- (सं.प्र.) १३७ नियतेयतिणीकयचंड- (हि.उ.) २५३ निप्पण्णे वरसिहरे धयहीण- (प्रा.वि.) २६ निम्मविए जिणभवणे, (हि.उ.) १६३ नियदव्वथया अप्पो (प्र.प.) १९७ निप्फत्ति पसव नवकार (उ.प.) ३११ निम्मवियबारसंगे (ऋषि.) ३ नियदव्वमउव्वजिणंद- (र.सं.) ३३२ निष्फत्तिमुवगयमिणं (श.भा.) ११२३ निम्मवियाओ भरहेसरेण (स.म.) १३ नियदेससंठियस्स वि रविणो (ध.सं.) ३६८ निप्फत्ती तरूणाणं (जी.अ.) प्र.१ निम्महियपावकम्मो, (आरा.१)२७० नियदोसमयाणतो
नियदोसमयाणंतो
(न.मा.) १२१२९ निप्फन्नप्पाओ पुण जायइ (भ.भा.) २६० निम्महिय मोहजोहं, (आरा.२) २७० नियनयणं जुयलियं वा (न.सू.) १९ निष्फनस्स य सम्मं तस्स (वि.सा.)६३४ निम्महिय मोहजोहं (आरा.२)९३४ नियनिय गच्छायरणा, (स.शा.) १५७ निष्फाइऊण एवं, जिणभवणं (दं.प.) २२ निम्महिय-मोहमाएण, (श्रुत.) १ नियनियगच्छायरणा, (स.शा.) १७३ निप्फाइऊण एवं जिणभवणं (वि.सा.)६३२ निम्महियरायरोसं (जी.अ.)१ निय निय गुण माहप्पं (आ.अ.)५८ निष्फाइज्जइ तस्सुत्तरुत्तरा (श.भा.) १०७१ निम्महियसयलहीलं, (शी.उ.)२ नियनिय दिद्धि न केइ (पं.सं.) ५०७ निप्फावकुडसमाणो (ऋषि.) १५५ निम्माओ अ तहिं सो (पंच.) १४१४ नियनियविसयविभागं, (हि.उ.) १३२ निफेडियमुणिसल्लो (आरा.१)८३३ निम्मागारे खित्ते उभयमुहे (गणि.) १६३ नियपरतित्थयसड्ढासड्डसहा- (सं.प्र.) १६०२ निप्फेडियाणि दुन्नि (ऋषि.) प्र.।२१ निम्माणथिराथिरतेयकम्म- (पं.सं.) १३४ निय पाणग्घाएण वि, (पु.मा.) १४५ निबंरसाईतुल्लो असुभो (श.भा.) ४६३ निम्मायम्मि य लोए (सा.प.) ८२ नियपासायस्सुवरि सयसंखा (न.मा.) ६८ निब्बीए दुब्भिक्खे, रण्णा (उव.) ४९५ निम्मेण थिराथिरतेअकम्म- (सू.सा) ३५ नियबोहबाहगेणं (सं.मा.) ८४ निब्भंजणवीसंदण, पक्कोस- (प्र.भा.) ३३ नियअहिवयाइ सुकमे (ज्यो.सा.) ११८ नियभासाए नरतिरि-सुराण (सं.प्र.) २४ निब्भच्छिय संघट्टिय (वि.मं.) ७७ नियउदयभंगसंखा अजोग- (स.भा.) १३९ नियभासाए नरतिरिसुराण (प्र.सा.) ४४३ निब्भच्छिया य तज्जिय (आरा.१) ४७३ नियएगवीसजुत्ता विउव्वि (स.भा.) १२१ नियभूमिगाणुरूवो, (षट्) ४० निब्भरं अइसयभरिअं (पा.ल.) २१४ नियकज्जे मिउवयणा (सं.प्र.) ४८३ नियमइ अणुसारेणं ववहार- (षष्ठि.) १३४ निमिण थिरअथिर अगुरुय, (क-५) ६ नियकम्मनिम्मयं चिय (स्व.) ११ नियमइकयसामायारिचारित्त- (द्वा.कु.) ९।२१ निमिणायवनरसुरतिग- (नव.४) ३० नियकम्मपवणचलिओ, (वै.श.) ७९ नियमइ कोसल्लेणं, सामा (चे.म.) ५८८ निम्ममजिणो य होही (वि.सा.)६३ नियकयकम्मुवभोगे (श्रा.प्र.) २१३ नियमइविगप्पियं पि (उ.पं.) ४३ निम्ममत्तसुखग्गेणं, (श्रा.दि.) ३०९ नियकालि पमाणधणं (गणि.) १११ नियमत्थओवरिगयं जइ (शो.कु.)८ निम्ममा निरहंकारा, (उव.) ३८९ नियकालि पमाणधणं (गणि.) ११३ नियमा कुणंति पूर्य, (चे.म.) ४०४ निम्मय-(कल)करिनाहठिओ (स्व.) ११९ नियकुलनिस्साए वा (सं.प्र.) १११२ नियमा जिणेसु य गुण (सं.प्र.) ३१८ निम्मलजलसंपुण्णो सोवागंधु (सं.प्र.) ४२२ नियगइदुग नियजाई (स.भा.) ६३ नियमा पाणिवहातो तप्पडि- (ध.सं.) ९६६ निम्मलतवोरयाणं, अजिया- (हि.उ.) १३५ नियगइदुगनियजाई (स.भा.) ७० नियमाऽभिग्गहगहणं (आरा.१)३२२ निम्मलतेल्लाऊरिय- (न.मा.) ८५९ नियगइदुग नियजाई (स.भा.) ७३ नियमाऽभिग्गहगहणं (प.आ.) ८० निम्मलदगरयवन्ना तुसार- (ति.गा) १२२८ नियगइदुगनियजाई (स.भा.) ९३ नियमित्तं नियभाया, (शी.कु.) १७ निम्मलनाणपयासियवत्थु- (वि.वि.)१ नियगच्छे परगच्छे जे (गु.श.) ६४ नियमुत्तपुरीसं सुमिणयम्मि - (स्व.) १०६ निम्मलनाणपहाणा जल- (उ.च.२)७ नियगमइविगप्पियं पि (पंचा.) ९८२ नियमेण तस्स चातो कहंचि (ध.सं.) ४२० निम्मलनाणपहाणो, (सं.सि) ३८ नियगुणगोरवमत्तो, (पु.मा.) ३४६ नियमेण भावणाओ (प्रत्या.) २४६ निम्मलनाणपहाणो दंसण- (संघ.) १४ नियगुरुकमरागेण ऽन्नदक्खि- (द्वा.कु.) ९।२० नियमेण होंति दोसा (प्रत्या.) २६५ निम्मलनाणपहाणो दंसण- (सं.प्र.) ७९५ नियगुरुपायपसाया नाउं (आ.हि.)१ नियमो न संभवो इह (श्रा.प्र.) २४२ निम्मल-निम्मुल्ल-महल्ल- (ना.कु.) १४
(न.भा.) ६९ निययंतरायमगणिय (जी.अ.) १८७ निम्मलमणपुहवीरुहोय (वै.र.) ९ नियजढरपिढरभरणिक्कमित्त- (हि.उ.) २३३ निययअबंधचुयाणं, (पं.सं.) २९७ निम्मलमहासईणं, सीलवयं (शी.उ.) १०५ निय-जणणि-वयण- (सु.गु.) ३२ निययअवच्चाईणं पव्वज्जाए (प.आ.) ९९ निम्मलविवेयरयणं (सं.मा.) ११७ निय जणय दिण्ण धण- (सु.गु.) २८ निययगुणेहिं महग्धं (न.शा.) ८ निम्मलसीलब्भासो, दाणु- (पु.कु.)८ । नियजाइलद्धदलियाणंतंसो (क-५)८१ निययमणेणं तं जिय (प्रा.सं.) ८० निम्मलु केवलु सुद्ध (ज्ञा.कु.) ७३ नियजीववीरिएणं खग्गेण (आरा.३) ३२२ निययमणोरहपायवफलाइं (भ.भा.) ४८९ निम्मलु सीलु न पालि- (बा.बो.) ९८ नियजोएणं भोयणजायं (प्र.सा.) ७४१ निययविहवाणुरूवं संपाडिय (उ.वि.१) २२
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