Book Title: Prakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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पुक्खलवइ १६ आवत्तो
पुढो वि माया भन्नइ पुक्खलवइ १६ आवत्तो (सप्त.) ४१ पुट्ठिमदेंतो पुररविवायाणं (य.च.) ११४ पुढविदगअगणिमारुय (वि.सा.)८०० पुक्खलवई अवच्छा (सप्त.) ४० पुट्ठो केणइ भोतो (ध.सं.) ४१ पुढवि दग अगणि मारुय (च.मू.) ६ पुक्खलवईइ पुंडरिगिणीइ (ऋषि.) ७४ पुट्ठोगाढअणंतर (भा.र.) ४ पुढवि-दग अगणि-मारुय, (त्रै.दी.) ४८४ पुक्खलवईइ विजए सामी (ऋषि.) ४४ पुट्ठो जहा अबद्धो, कंचुइण (गाथा.) ७३५ पुढविदगअगणिमारुये (प्र.सा.) ९६८ पुक्खलवईयविजये पुव्व- (र.सं.) ५१७ पुडइय-पुंडइया तह (दे.ना.) ५१६ पुढविदगअगणिमारूअ- (सं.सि) ५१ पुक्खलसंवट्टो १ वि (ति.गा) ९८१ पुढवाइ अट्ठ असन्नि सन्नि (प्र.सा.) १२३८ पुढवि-दग-अगणि-वाऊ- (आरा.६)२ पुग्गलकम्मादीणं (ष.स.) ८ पुढवाइ अड ८ असण्णी १ (सं.प्र.) ५३९ पुढवि-दग-हरिय-भवणे (जी.स.)७१ पुग्गलनिचओ खंधो, (नव.४) १२ पुढवाइ जिउम्मीसे चउलहु (पिं.लो.)५७ पुढवि-दगा-ऽगणि- (आरा.२)३७३ पुग्गलविवागिणीओ (श.भा.) ७५२ पुढवाइ जीव नवभेय- (सु.गु.) ६७ पुढवि-दगाऽगणि- (आरा.२)४९१ पुग्गलविवागिणीओ (श.भा.) ७५३ पुढवाइदस अपज्जा पज्जत्ता (सं.प्र.) ५४३ पुढविरसो य सुसाओ (ति.गा) ४१ पुग्गलविवागिपयडी तो (श.भा.) ७५९ पुढवाइ दस अपज्जा पज्जत्ता (प्र.सा.) १२४२ पुढवी अ सक्करा वालुआ (जी.सं.) १७ पुग्गलाणं अपवत्तण- (श.भा.) १५१ पुढवाइ दसपएसुं, पुढवी- (दंड.) ३५ पुढवी आउक्काए तेऊ वाऊ, (गाथा.) ३७३ पुच्छंताणं धम्मं तं (सं.प्र.) ३६३ पुढवाइ दस पयाणं, अंत (दंड.) २७ पुढवीआउवणस्सइ-काया (जी.सं.) ४ पुच्छंताणं धम्म, तं (दं.प.) ९३ पुढवाइ पंच बितिचउपणिदि (प्र.सा.) १२३७ पुढवीआउवणस्सइ गब्भे (प्र.सा.) ११७४ पुच्छइ कहावसाणे (ज.प्र.) २ पुढवाइभवेहितो, (क्षुल्ल.) ४ पुढवी आउवणस्सइ बायर- (पं.सं.) ६५७ पुच्छइ सीसो - जइ ता, (चे.म.) ४०१ पुढवाइयाण जइ वि (पं.लि.) ५८ पुढवीआउवणस्सइबायरपत्तेसु (प्र.सा.) १११० पुच्छइ सीसो भयवं!, (चे.म.) १६ । पुढवाइसु आरंभो परिग्गहो (पंच.) ७ पुढवी आउ वणस्सइ, मज्झे (दंड.) ३४ पुच्छ कहणा परिच्छा सामा- (पंच.) ११५ पुढवाइसु आसेवा, (षट्) ८९ पुढवी १ आउ २ वणस्सई (गाथा.) ५७६ पुच्छण चिंता गोट्ठी कइया (उ.प.) ५२४ पुढवाइसु आसेवा, उप्पन्ने (दं.प.) १३१ पुढवीआउवणस्सई, बायर (त्रै.दी.) ४६७ पुच्छाउत्तरसयलं नायव्वं (गा.प्र.) ४ पुढवाइसु पत्तेयं, सग (बृ.सं.) ३१९ पुढवी १ आऊ २ तेऊ ३, (र.सं.) ३६७ पुच्छा कि णो पढमं (उ.प.) ३८२ पुढवाई चउ चउहा साहारण- (पं.सं.) ३९ पुढवी-आऊ-तेऊ-वाउ- (आरा.२)९२४ पुच्छा किर पडिपुच्छा (सामा.) ५१ पुढवाईणं संघट्टणाइभावेण (वि.वि) २९७ पुढवी आऊ तेऊ वाउ (प.स्था.)४५ पुच्छाणंतरकालं पइ (वि.ण.) १३८ पुढवाईण भवठिई, (त्रै.दी.) ४५१ पुढवी-आऊ-तेऊ-वाऊ- (दं.प.) २०९ पुच्छा ण केणइ ततो (उ.प.) २९५ पुढवादिघट्टणादी पयलादी (पंचा.) ७२६ पुढवी १ आऊ २ वणस्सई (गाथा.) ३३ पुच्छातिगेण दिवस, (गु.त.) २२२०२ पुढवि आउ वणस्सइ, गब्भे (त्रै.दी.) २६८ पुढवीकट्ठजहत्थिण्णसारसाई (पंचा.) ८५६ पुच्छा दियंबराणं केवल- (अ.प.) ४१ पुढविक अपतेउवाउअणंत- (ईर्या.) ३ पुढवीकाओ पुढवी- (जी.सं.)-२१० पुच्छामि अज्ज एवं (सा.प.) १५ पुढविक्काइयजीवा भवं (आरा.१)३६१ पुढवीकाओ सव्वो बल- (ल.सा.) ४४ पुच्छा साहण पावा दूहव (उ.प.) ९०४ पुढविक्काइयजीवा भवं (प.आ.) १३२ पुढवीखणणे काया अखए (ध.सं.) १०८४ पुच्छा साहु निमित्तं (उ.प.) ५४ पुढविजलअगणिमारुरुय- (दा.मा.) ८८ पुढवी जा सिद्धिसिला तेऊ (र.सं.) १४४ . पुच्छिज्जंतो लोओ (प्र.प.) ३१० पुढवि-जल-अग्गि-वाया, (पु.मा.) २६५ पुढवीणं बाहल्लं, उच्चत्तं (त्रै.दी.) १९९ पुच्छेइ मुणिवराणं (श्राव.) ९ पुढवि-जल-जलण-मारुय- (आरा.५)५३ पुढवीतत्ताणुगमो घडमाद- (ध.सं.) १०७ पुच्छेमि पंचमंगल- (स.शा.) २२६ पुढविजलजलणमारुयतण- (जी.प्र.) ६६ पुढवी दग अगणि मारुय (प्र.सा.) ५५५ पुज्जइ कोडाकोडी (प्र.सा.) ४०५ पुढविजलतेउवाउवणप्फुदी (ष.स.) ११ पुढवी दग परितवणा, . (बृ.सं.) ३०८ पुज्जा पूएअव्वा न निंदिय- (उ.र.) १९६ पुढवि ६५ जला ६६ निल (प्र.पा.) १२७ पुढवी दरिसण विउलंजलीइ (उ.प.) ६७ पुज्जो पिउ व्व गेओ (उ.चि.) ९३ पुढवित्तमुवगएणं (आरा.१)४१० पुढवीधम्माण पडे ण (ध.सं.) ३९६ पुट्टे किसि-वाणिज्जं (धूर्ता.) १३७ पुढवित्तमुवगएणं (प.आ.) १८१ पुढवीपत्थडतुल्लं, सोहणयं (दे.प्र) ७३ पुढे तेण गुरूणं (यु.प्र.) ६ पुढवि-दग-अगणि- (जी.स.)२६ पुढवीपमुहा जीवा उप्पत्ति- (स.श.) ४९ पुढे बद्ध निधत्तं, (नव.४) ८३ पुढवि १ दग २ अगणि (सप्त.) २९५ पुढवीपरिणामाई (वि.ण.) ७ पुट्ठमबद्धं कम्म (उ.पं.) ८ पुढवि १ दग २ अगणि (गाथा.) ५७१ पुढवीफोडण संचिणणहल- (भ.भा.) १८० पुट्ठमबद्धं कम्मं अप्परिमाणे (पंचा.) ९४८ पुढविदगअगणिपवणे (पिं.वि.)८१ पुढवी य सक्करा वालुया (जी.स.) २७ पुट्ठाणंतरमरणेण (सू.सा) ११० पुढविदगअगणिमारुअ- (गु.त.) २२२७३ पुढवी विव सव्वसहं (चं.प.) २३ पुट्ठाणंतरमरणेण पुणो (सू.प्र.) ७३ पुढविदगअगणिमारुय (सं.प्र.) ६६९ पुढवीसिलामओ वा . (आरा.२)३९३ पुट्ठा य बेंति मणुया (ति.गा) ६३७ पुढवि-दग-अगणि-मारुय- (दं.प.) २११ पुढवुवलवयरसक्करमयकंदो (ल.क्षे.) ११२ पुट्ठालंबणसेवी उवेइ (उ.र.) ८४ पुढविदगअगणिमारुय- (दं.प.) २२९ पुढो वि माया भन्नइ (आरा.१)६७८
૨૦.
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