Book Title: Prakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

View full book text
Previous | Next

Page 293
________________ A पुरओ चिट्ठइ रुक्खो इय पुवकयब्भासो भावपुरओ चिट्ठइ रुक्खो इय (उ.र.) १५८ परिसं तस्सुवयारं अवयारं (उ.प.) २३७ पुलयाओऽणंतगुणो, (गु.त.) ४९२ पुरओ जस्स नऽन्नस्स, जओ (व्य.कु.)८ पुरिसं तस्सुवयारं अवयारं (पंच.) ५४० पुलायणामो पढमो (दं.प.) १६३ पुरओ जहक्कमेणं (प्र.सा.) ४२० पुरिसं पइ अहिलासो, (क.प्रा.१) ५१ पुव्वं अदिट्ठमस्सुयमवेइय (उ.प.) ३९ पुरओ दुल्लह-महिवल्लहस्स (सु.गु.) ५० पुरिसक्कारपरेहिं वि विहि- (आ.म.) ४६ पुव्वंगं पुव्वं पि य (जी.स.) ११४ पुरओ निसीयइ पहरण- (स.प्र.) ३८ पुरिसज्जायं तु पडुच्च (स.सू.) ५४ । (सि.सा.)९३ पुरओ पक्खाऽऽसन्ने (आरा.१)५०४ पुरिसत्तं पि असिद्धं वेदा- (ध.सं.) १२७८ पुव्वंगं पुव्वं पि य (सू.प्र.) ५५ पुरओ पक्खाऽऽसन्ने गंता३ (वि.सा.)७३८ पुरिसत्तं सन्नित्तं, (पं.सं.) ८२ पुव्वंगपरीमाणं माणं (प्र.सा.) ५९ पुरओ पक्खासन्ने, गंता (गु.भा.) ३५ पुरिसत्ताइनियाणं (आरा.२)६८८ पुव्वं गमणागमणालोए (प्र.सा.) १३४ पुरओ पक्खासन्ने गंताचिट्ठण-(प्र.सा.) १२९ पुरिसत्थेसु पवट्टइ, जो (गु.कु.) २१ पुव्वंगमाहु तं पि य (सि.सा.)६७ पुरओ पक्खासन्ने गंताचिट्ठण- (र.सं.) २२८ पुरिसम्मि तूहणो तोलणो (दे.ना.) ४१६ पुव्वंगम्मि पण सुन्न (सि.सा.)९७ पुरओ परघरदासत्तणेण (भ.भा.) ३९४ पुरिसम्मि पुरिससद्दो (स.सू.) ३२ पुव्वंगहयं पुव्वं, तुडियंगंवा- (सप्त.) ३०५ पुरओ वहंति सीहा, दाहिणओ (त्रै.दी.) १२० पुरिसवरगंधहत्थीण ताण (चे.म.) ३१५ पुव्वं गहिअस्स दिसा- (उ.चि.) १५२ पुरकम्म पच्छकम्मे अप्पे- (पंच.) ३३६ पुरिसवरपुंडरीया, होति (चे.म.) ३०६ पुव्वंगाई २४ पल्लय २५ (प.स्था.)११५ पुरनिद्धमण १ नवंबुअभरिअ-(उप.) १।२२ पुरिसविसेसं पप्पा पाव- (वि.वि) ३०१ पुव्वंगाईयाणं अट्ठावीसाइ (सि.सा.)९६ पुरनिद्धमणे जक्खो, महुरा- (उव.) १९१ पुरिसस्स अप्पसत्थो (आरा.२)६२७ पुव्वंगाईयाणं अट्ठावीसाए. (प.स्था.)७४ पुरपच्छसंथुआई, उवसंपन्नो (गु.त.) २२२५९ पुरिसस्स उत्तमंगं (प्र.प.) ७७७ पुव्वंगाईयाणं नामविभत्ती (सि.सा.)१४२ पुरपच्छिमवज्जेहिं, (नव.४) ७० पुरिसस्स पुरिससंकमपएस- (कर्म.) ४४८ पुव्वं चिय वरधणुणा (न.मा.) ११७५ पुरपच्छिमवज्जेहिं अवि (प्र.सा.) ८०७ परिसस्स वालविवरण- (ना.कु.)३ पुव्वं जो संकलिया गूढपए- (सं.प्र.) १५४४ पुरवरवरफलिहभुया (ति.गा) ११७९ पुरिसस्स वेयसंकमभावेणं (वि.वि) ३५४ पुव्वंतर जम्मबहिं पुट्ठा (वि.स.) ५२ पुरसूअर १ महिस २ विसा (उप.) २२१ पुरिसस्स सोयनवगं इक्कारस (दे.कु.) ११ पुव्वं दारं पूयइ दाहिणमुह- (स.प्र.) १८ पुरिमंतरंजि भुयगुह, (गाथा.) ७३२ पुरिसा खलु कयकरणा, (गु.त.) २।२९५ पुव्वं नरए बद्धाउओ (श.भा.) ४१७ पुरिमंतिमअटुंतरेसु (प्र.सा.) ४३० पुरिसा गीआगीआ, (गु.त.) २।३२८ पुव्वं पडिमण्हवणं चिइ (प्रति.) १ पुरिमंतिमअटुटुंतरेसु (वि.सा.)४५९ पुरिसावायं तिविहं दंडिअ (पंच.) ४१० पुव्वं पवयणभणिया विहि- (सं.प्र.) ४१४ पुरिमंतिम अटुटुंतरेसु (गाथा.) २२५ पुरिसा विसयपसत्ता (वि.नि.)५ पुव्वं पि य चउरासीलक्खेहि (सू.प्र.) ५२ पुरिमंतिमअटुटुंतरेसु (एक.) ३२ पुरिसा संसारिजिया, नर- (चे.म.) ३०४ पुव्वंपिव धुवअधुवा बंधा (श.भा.) ८२० पुरिमंतिमतित्थेसुं (सप्त.) २९७ पुरिसासणम्मि इत्थी जामतिगं (सं.प्र.) ५८६ पुव्वं पि विसुझंतो (कर्म.) ३१६ पुरिमं पढमं अद्धं दिणस्स (प्रत्या.) १०१ पुरिसित्थि तदुभयं पइ, (क-१) २२ पुव्वं बुद्धीए पेहेत्ता (मू.शु.) ७८ पुरिम-चरिमेसु अट्ठसु (ति.गा) ५२४ पुरिसित्थिविग्घअचक्खु (पं.सं.) ६८४ पुव्वं मणो हुज्ज जहा (ध.गु.) १५ पुरिमड्ढं पच्चक्खइ, (प्र.कु.२)१९ पुरिसुवहिविवच्चासो (पंच.) २६१ पुव्वं रविउदयजुआ (प्र.प.) ५३९ । पुरिमड्डणिव्विगइअं (गु.त.) २।३०९ पुरिसु व्व गिहस्संग (वा.सा.)९८ पुव्वं व कायचाय, काउं (चे.म.) ७०२ पुरिमड्डमभत्तटे पढम (वि.सा.)७५६ पुरिसेणं बुद्धिमया (पंचा.) १५० पुव्वं वण्णेऊणं, (गु.त.) १।१५३ पुरिमड्ढे इगलक्खं एगासण- (प्र.कु.) ४ (ना.कु.)२ पुव्वं व पारिऊणं, परमेट्ठीणं (चे.म.) ६५० पुरिमड्डेक्कासणनिव्विगइय- (प्र.सा.) १५०९ पुरिसेण सहगयाए, तेसिं (सं.सि) ८४ पुव्वं व पुत्तिपेहण- (प्र.स.) २८ पुरिमस्स ९ दुव्विसुज्झो (सप्त.) २९१ पुरिसे पडुच्च एए अभिग्गहा (पंच.) ३०५ पुव्वं व पुरी अ तरु परमुत्तर- (ल.क्षे.) २३८ पुरिमाणं दुव्विसोज्झो (पंचा.) ८३६ पुरिसे संजलणतिगे (कर्म.) २०५ पुव्वं विराहिओ सोऽणंत- (प्र.प.) ४८६ पुरिमेगासणरहिया, (वि.त.)४ पुरिसेहिंतो इत्थी, (क.प्रा.४) ५६ पुवकमनिट्ठिए तहिमेगं (सू.सा) १३२ पुरिमेगासणरहिया, (तप.) ४ पुरिसेहितो थीओ . (प्र.पा.) ५७ पुव्वकमा सुहमंते (श.भा.) ४९६ पुरिमेण पच्छिमेण (गाथा.) १२० पुरिसोत्तमाण तेसिं (आरा.१)९२९ पुव्वकयं कम्मं चिय (वि.वि) ९४ पुरिमेयरतित्थकराण (प्र.सा.) ६५६ पुरिसो देसविरुद्धं, काल- (हि.उ.) ३२७ पुवकयकम्मजणिओ (द्वा.कु.) ८१ पुरिमेयरतित्थयराण मास- (पंचा.) ८२९ पुरिसो पट्ठवगो पुण (स.भा.) ५३ पुवकयकम्मपरिणइ- (दे.ना.) ५३९ पुरिमेयराण ठियओ, (नव.४) ६० पुरिसो पमाणमेईएँ (प्रत्या.) ७३ पुवकयकम्मवसओ पत्तेवि (दा.मा.) ६८ पुरिसं कोहे कोहं, (क-६) ८१ पुरिसो वि होइ इत्थी, (दे.श.) ४५ पुव्वकयपुण्णपावाण, (आ.प्र.) ५५ पुरिसं चउसंजलणं, (क.प्रा.२) २२ पुरीसा वि जिणा एवं, (चे.म.) ३११ पुवकयपुण्णसरणं गुणधरणं (श्रुता.) ३ पुरिसं तस्सुवयारं अवयारं (ध.सं.) ९९५ पुरुहूओ घूए, पुडइणी य (दे.ना.) ५१७ पुवकयब्भासो भाव- (सं.प्र.) १३४० २२

Loading...

Page Navigation
1 ... 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446