Book Title: Prakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 269
________________ पंचेव य सिप्पाई घड पंचेव य सिप्पाई घड पंचेव सम्मत्तविभूसणाई, पंचेव सहस्साई, दो पंचेव हवइ आई, अट्ठेव पंचेव हवदि आदी, पंचेहि इंदिएहि, मणवय पंचोवारजुता पूया पंचोवपारजुत्ता, पूया पंजलनाएण इहं पाहिजपंडए वाइए कीबे कुंभी पंढए वाइए की, कुंभी पंडए बाइए की, कुंभी पंड एवं पंडगवणम्मि चउरो, पंडतणाभिहण पंडवियं पांडवियं पडिच तवाकर्य (ति.गा) २९० (मू.शु.) ७ (दी.प.) ३३ पइदिणमवि जम्मुत्तर पइदिणमवि जम्मुत्तर, पदमुवओगाओ पइदियहं जइ एवं झाएमी पदियहं पहसमयं खर्ण पइदियहं सो कीरइ, (दे.प्र) ४५ (दे.प्र) १४८ (आ.बो) १६ (सं.प्र.) १८६ (चे.म.) २०९ (श. भा. ) २१ (र.सं.) ३९६ (पु.मा.) १२७ (प्र.सा.) ७९३ (स.भा.) ५२ (बृ.क्षे.) ३५५ (जी.अ.) ३१६ (दे.ना. ) ४८२ (पं.नि.) १७ पंडियपंडियमरणं पंडियपंडियमरणं पंडुतं पंडतं, दोहग्गमरु पंडुया पंच जणा पंतिजुयले वि पढमं (तप.) २२ पंतिजुयले वि पढमं, पंतिस्स अंकवर तिठन (गणि.) ४५ पंथसमा नत्थि जरा दरिद्दसमो (र.सं.) ३१८ पंथसरिसा कुपंथा बहु (ना. प्र) १२ पंथ सरिसा पंथ बहु (ना.वृ.) १२ पंथुच्छुहणी जा सासुराउ (दे.ना. ) ४९७ पंथोऽप्पकालगम्मो, (त्रि.कु.) ११ पंसू अच्चित्तरओ रयस्स- (प्र.सा.) १४५४ पंसू य मंसरुहिरे केससिला (प्र.सा.) १४५३ पइखणमसंखगुणविरिय (क-५) ५५ पइचउमास समुचिअ पतुभेव भिन्नो पइदारे कलसाई मुहमंडपइदारं मणितोरणपेच्छापइदिणं तिनि वारा, पइदिणकिरियाई इहं सम्मं (श्रा.वि.) १२ (आय. २) ४३ (आरा. २) ४४ (उ.चि.) १२३ (सा.प.) ५३ (वि.त.) २२ (पं.लि.) ८२ (नं.स्त.) १५ (प्र.सा.) १४७७ (सं.नि.) १० (पंच.) ६१० (वि. स.) ४१ (मं.प्र.) ५६ (प्रत्या.) २ (म.भा.) ४३ (आ.हि.) ३१ (पौष) ४ प पइदिवसं दहदह-बोहगो (शी.ज.) ३१ पइदिवस सज्झाए अभिग्गहो (सं.दो.) ४३ पइदिवसं सत्तजणे, हाणिऊण (त. कु.) १२ पपंती एग कोय (नम.) २३ (उ.रा.) २२ (न.भा.) ९९ (नं. स्त.) १८ (पं.लि.) ६५ (मं.प्र.) २९ (ल.से.) १७७ (दि.शु.) २३ (दे.ना.) ५३३ (उ. प.) ३३२ (यो.श.) ७५ (र.सं.) १५० पइ पइ पाणिउ तसु वाहिपपगडिनिययमाणेहि पपड़िम पर दो दो पइभाइगुणजुयाण पइमंडल दिणहाणी, पइमंडल दिणहाणी दुण्डपइरासि वारसा असुहा पइरिक्कं च विसाले एगंते पइरिक्के पुच्छा कह सुयदोसा परिक्के वाघाओ न हो पइवग्गणं अनंता अणुअ पइसमयं जीवेहिं य संगपइसमयं सुतो, खविडं पइसमयमणंतगुणा पइसमयमसंखेज्जा जेणुवपइसार गब्भरेहा पनरसपडणं निरायं उज्जुयं, पठण चुलसीइ सहसा २२ पउणट्ठ धणु छ अंगुल, | पउण ति टंका मुल्लं पउणपलिऊण तिअयर, | पठणपहरम्मि पडिलेहणाएँ | पउणमणवज्जमणुवममणाइपउणाए दिट्ठीए, चउत्थयं पठणाए दिट्टीए, चउत्थर्य पडणो वणो ससल्लो पउमं कमलं कुमुयं पठमं कमलं कुमुर्य | पठमं कमलं कुमुयं पठमं बहुप्पयारे, तहवि पउमकरा जत्थ वहू पठमद्दहजलदेसो पिब्यूओ पउमद्दहस्स मज्झे, चउपठमदहे सिरीए, जो पठमपहनामाओ नवहि पउमप्पभस्स तु रती पठमप्यभी व भरहे पउमप्पभो य भरहे, पउमप्पभी य भरहे, पउम (मु)प्पलकुमुदाई, | पठमरहरायगेहे वणमाला ૪૮ (श.भा.) १०८६ (पु.मा.) ९७ (पं.सं.) ७४० (वि.ण. ) ४९ (वि.प.) ५ (पा.ल.) १७५ (सप्त) ३३३ (बृ.सं.) २४४ (द्र.प.) ६८ (का.स.) ६७ (पो.वि.) १९ ( आरा. २) ८११ (ल.शु.) १०१ (आर. २) ३६५ (जी.स.) ११५ (सि.सा.) ९४ (सू.प्र.) ५६ (चे.म.) ५६६ (दे.ना.) ६३० (प्र.प.) २९६ (बृ.क्षे.) १९७ (बृ.क्षे.) २९१ (श.सं.) ६५ (ति.गा) ४६६ (ति.गा ) ३१९ (ति.गा) ३४५ (ति.गा) ५३७ (ज.पा.) १३२ (ऋषि) प्र. | ३१ पक्को पडणा पागागमणा पउमवरवेइयाए, वणसंडेण ( दी. प.) १८० पउमवसुपुज्ज रत्ता, ससि- (सप्त.) १२५ | पउमसरे मज्जित्ता पुणरवि (भूर्ता.) २४७ पठमसिरि मलयसुन्दरि ( क्षान्ति) १२ | पउमस्स तिसय अडहिय, | पउमस्स तिसयअडहिय ७, पउमस्स दाहिणेणं, पडमा अनंतहजिणे पउमागरा अपउमा गद्दभगपउमागरा अ पउमा गद्दभगपउमाभवासुपुज्जा रत्ता पउमाभवापुरता पउमाभसूरदेवो, पउमाभ १ सूरदेवो पउमाभाओ सुपासं पउमाभा वासुपुज्जा पडमाभिहाण मुद्दा पउमावई पभावई जिणमय | पउमुत्तर १ पाणय २ पउमुत्तरे८ महाहरि१० पउमुत्तरे महाहरि विजए पठमुप्पलनीसासा निरूयतणू पउमे उ महापउमे, | पउमे ८ य महापउमे पउमे य महापउमे, पउरजराकेसरभासुरेण |पउरऽन्नपाण पढमा बीयाए पकति तया बंधो पकड़ पएसबंधं पुण पकर पुष्कारहणं मलारहणं पकरिता उवसामगवत्यागयो पकरिय सरीरचितं सम्म पकरेइ सुविउलघणपमाण पकरेमि काठसगं पकुर्णतुकसजेगा पक्कघयं घयकिट्टी पक्कोपक्कचयं घयकिट्टी पक्नोसहि पक्कणकुले वसंतो पक्कणकुले वसंतो पक्कणकुले वसंतो पकणकुले वसंतो सओणी पक्कन्नयस्स कालो विण्णेओ पकाइ बलीए दाणं, पक्को पडणा पागागमणा (सप्त. ) ३१९ (गाथा.) ६३१ (बृ.क्षे.) २०८ (ति.गा) ४६८ (उ. प.) ८२८ (सु.सि.) २१ (प्र.सा.) ३८१ (वि.स.) ११० (का.स.) ६४ (वि.सा.)६१ (ति.गा) ५०३ (श.सं.) ११ (द्र.प.) ५८ (म.कु.) २७ (वि.सा.)७० (वि.स.) ५३९ (श.सं.) १०५ (ति.गा) ३६ (बृ.क्षे.) ६३३ (ति.गा) ११२९ (बृ.क्षे.) १६८ (शो. कु.) १३ (प्र.सा.) ७८४ (श.भा.) ८१९ (श.भा.) ७९६ (स.प्र.) ८ (श.भा.) ७८६ (पो.वि.) ६८ (स.प्र.) ९ (आरा. १) ५१८ (श.भा.) ९२३ (प्र.सा.) २३० (प.भा.) ४२ (गु.त.) ११११२ (गु.त.) ३११२७ (सं.सि) ६३ (सं.प्र.) ३५८ ( ल.सा.) ६६ (मि. स्था.) ३६ (गु.त.) २।१५०


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