Book Title: Prakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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परमाणवो ण इंदियगम्मा
परिणामविसेसाओ पुढवाइ परमाणवो ण इंदियगम्मा (ध.सं.) ६३८ परलिंगिनिण्हए व सम्म- (प्रत्या.) २७१ परिअट्टिए १० अभिहडु (र.सं.) ५२१ परमाणुखंभपीसण- (न.मा.) ११।२४ परलोए पुण कल्लाणमालिया- (सा.उ.) २३ परिअट्टिए अभिहडुब्भिन्ने (पंच.) ७४२ परमाणु खंभपीसण सुर- (उ.प.) १५ परलोए वि हु नरसुर- (शी.उ.) ४ परिअट्टिए अभिहडुब्भिन्ने (पिं.वि.)४ परमाणुसंखऽसंखाऽणंत- (कर्म.) १८ परलोए सिंबलि तिक्ख- (सं.प्र.) ११६१ परिआओ अदुभेओ (पंच.) १४९३ परमाणूइच्चाइक्कमेण (अं.स.) ३ परलोए सुररमणीसंभोग- (दा.मा.) १३ परिकड्डिऊण पच्छा किइकम्मं (पंच.) ४६८ परमाणू इच्चाइक्कमेण (प्र.सा.) १३९३ परलोगंमि पिवासो, (च.क्ष.) २४ परिकप्पितो तु एसो (ध.सं.) ४९७ परमाणू तसरेणुं (जो.प.) ८४ परलोगगई गुणठाणएसु (प्र.सा.) ५२ परिकम्मं पणवीसं तहऽ? (गणि.) १५ परमाणू तसरेणू (जी.स.)९८ परलोगनिप्पिवासो, जीवाण (खा.कु.)२२ परिकम्मं पुण इह इंदियाइ- (पंच.) १३८६ परमाणू तसरेणू रहरेणू (प्र.सा.) १३९१ परलोगम्मि अ सइ तव्वि- (पंच.) ८८८ परिकम्मविहीइ पुणो (आरा.२)५६ परमाणू तसरेणू, रहरेणू (बृ.सं.) ६१६ परलोगम्मि सत्थ धणो (मू.शु.) ८६ परिकम्मेहि य अत्था, (गु.त.) २२२१२ परमाणू दव्वाणं
(जी.स.) २६४ परलोगहियं सम्मं, जो (श्रा.ध.)२ परिगच्छे वि सगच्छे, (गाथा.) १३६ परमाणू य अणंता (जी.स.)९६ परलोयनिप्पिवासा इहलोए (आरा.२)८६१ परिगप्पिता तु अहता (ध.सं.) ६९९ परमाणू रहरेणू, तसरेणू (त्रै.दी.) ४८० परलोयम्मि य चोरो (आरा.१)६१६ परिगमणं पज्जाओ (स.सू.) १०९ परमाणू सो दुविहो (जी.स.)९५ परलोयलालसेणं किं वा (ध.ब.) ३१ परिगलमाणो हीरेज्ज (पंच.) २८४ परमाणूहिं निप्पन्नाओ (श.भा.) ४५६ परलोयहियं सम्मं जो (पंचा.) २ परिगहमाणऽभिग्गह (वि.स.) ७१ ‘परमाराहणजुत्तो
(आरा.१)९१८ परवंचणादिजोगा जं (ध.सं.) ६०१ परिग्गहपरिमाणं चिय, (श्रा.दि.)२५८ परमाहम्मियठाणे (आरा.३)१०० परवंचणादिजोगो कम्माओ (ध.सं.) ६०२ परिग्गहारंभभरं करंति, (उ.स.) ७ परमाहम्मिसुरतं (आरा.१)४६२ परवंचणानिमित्तं जंपइ (जी.प्र.)
६ परिग्गहो कि न य धम्म- (श्रुता.) ७३ परमाहम्मिसुरतं
(प.आ.) २३३ पर वंचणेण रत्ता परा- (आ.अ.)१०८ परिचत्तअट्ट-रुद्दे, मणम्मि (हि.उ.) ४८३ परमिट्ठिनवपयाणं, सयमेगं (सं.नि.) ७ परवग्गक्खरगरुआ, पढमं (ज.पा.) २६१ परिचत्त-पुरिसयारो, विहु- (हि.उ.) ३६७ परमिड्ढीण जुवाणं, (गाथा.) ६१ परवग्गक्खरगरुया, (ज.पा.) २७५ परिचत्तविसयसंगे फासुय- (आरा.२)५०४ परमिड्ढीपत्ताणं (आरा.२)९५७ परवग्गेण उ वग्गो, (ज.पा.) ६२ परिचत्तसयललोइयतिहि- (हि.उ.) १२८ परमित्तियं भणामो (न.सू.) ४३ परवत्तव्वमिणंति य (वि.ण.) २२६ परिचत्ताई पनरस कम्मा- (वि.मं.) ९२ परमिह संतोससुहं कल्लाणमुहं (उ.अ.) २९ परवत्तव्वयपक्खा अविसिट्ठा (स.सू.) ७२ परिचितिऊण निउणं, जइ (उव.) ५११ परमुवयारी ताओ इमस्स (उ.प.) २४६ परवयणं वा एयं, जमित्थ- (षट्) ८० परिचितिएऽइआरे सुहुमे (पंच.) ४५९ परमुवसमि वर्ल्डता, आउ (क-३) २० परवसणं अभिनिदइ (सं.प्र.) १३३७ परिचियकप्पाकप्पो, कइया (चा.म) २६ परमेट्ठिनमोक्कार, सक्कइ- (चे.म.) ४९८ परवसणे अहिनंदइ, निर- (ध्या.श.)२७ परिजविया वि न सिज्झइ (आरा.२)३७ परमेट्ठिपरममंतं सम्म (मि.वि.)१५ परवसणे जो हरिसो (आरा.१)४३२ परिजुण्णमप्पमुल्लं तमणुन्नातं (ध.सं.) १०४१ परमेट्ठीणं पुज्जा (आरा.५)९ परवसणे जो हरिसो, (प.आ.) २०३ परिठवइ सुद्धठाणे तत्थ (पो.वि.)३२ परमेष्ठिनमुक्कारं, (नम.) १ परवसु अण्णाणु जं दुहु (द्वा.भा.) १० परिढक्किऊण य बिलं (धूर्ता.) १७४ परमेसरमाईयो ता पिच्छह (जी.प्र.) ३६ परवाइवारवारण-वियारणा (सु.गु.) ४३ परिणयकुसुंभसरिसं (ति.गा) ११६ परमेसरुत्तिनामंजह (प्र.प.) ३०९ परवादिवारवारणवियारणे (ग.सा.) ४९ परिणामगे विणीए (पं.प.) ५९ परमो अ एस हेऊ केवल- (पंच.) ९७० परवास नट्ठ मरणं, जय (ज्यो.) २८६ परिणामपच्चएणं एसा (पं.सं.) ४४७ परमो दिक्खुवयारो (पंचा.) ८८१ परसक्खित्तं भंजसु, रंजसु (आ.कु.)४१ परिणामपच्चएणं गमागमं (पं.सं.) ७६५ परमो य एस हेऊ केवल- (नू.ग.) ३ परसमयविहाडणतक्कगंथ- (जी.अ.) ३०२ परिणामपच्चएणं चउव्विहं (पं.सं.) ७६६ परमोरालिअदेहो केवलिणं (अ.प.) ११३ परसावज्जच्चावणजोएणं (पंच.) १६०५ परिणामपच्चया उणाभोग- (कर्म.) ३४२ परयावयाई हरिसो, (च.क्ष.) २२ परह अहंमइ अप्प चुउ, (ज्ञा.कु.) १०८ परिणामम्मि य णणु (ध.सं.) २२६ पररमणिपत्थणाओ, (शी.उ.) ८९ परहत्थगएण तए पुदिव (पर्य.) ४ परिणामवसेण पुणो, (उव.) १३३ पररमणी जे रूवभरि (संय.) १५ परहत्थनिययहत्थेहिँ (न.भा.) ६४ परिणामविसुद्धीए देवाउय- (प्र.सा.) ११७७ पररमणीरंगाउ, सोहग्गं (शी.उ.) ९० परहियकरणेक्करया, जहजोगं (चे.म.) ३३५ परिणामविसुद्धीए, देवाउय- (त्रै.दी.) २४६ पर-रिद्धि-दसणाओ तुच्छं (ध.मा.) ३० परहियचिंताचंदणवणावली- (गु.वि.) ८ परिणामविसुद्धीए लेसा- (आरा.२)८४० पररिद्धिमच्छरेणं, (च.क्ष.) ३३ परहियनिरओ धन्नो सम्मं (ध.र.) २७ परिणाम विसुद्धीए विणा (पंच.) ३४७ पररिद्धिमच्छरेणं, लोह- (खा.कु.)३१ परिअट्टिऊण गंथत्थवित्थरं (उव.) ४७३ परिणामविसुद्धीए विणा (प्रत्या.) २३९ पर(रि?)संचियस्स अत्थस्स (धूर्ता.) १७९ परिअट्टिए अ १० अभीहडु (य.च.) ७५ परिणामविसेसाओ पुढवाइ (सं.प्र.) १०५५
सचमणामा
૨૧
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