Book Title: Prakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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तम्हा जिणिदसमयं भत्तीए
तम्हा जिणिदसमयं, भत्तीए (हि. उ.) १४६ तुम्हा दिसासण- (प्र.प.) २९० (चे.म.) ५०५
"
तम्हा जुज्जइ विहिणा,
म्हा, जे इह सत् साहुतम्हा जे इह सत्थे साहुगुणा तम्हा जे इह सुत्ते साहुगुणा तम्हा जे उम्मग्गा
तम्हा जे सीलसंजुत्ता, म्हाणजातु बंधो तम्हा ण भूयधम्मो चेतनं
"तम्हा ण वयणमित्तं तम्हाण वयणमित्तं सव्वसम्हा णिच्चसतीए बहुतम्हाणुवत्तियव्वा सेहा तम्हा तरगहणाओ ततो
तम्हा तम्मयलिहिअं तम्हा तस्सववाया, आगारा तम्हा तह परिचितह, वह सम्हा तहाविहाणेगचिततम्हा ताणं महाणाहो तम्हा तित्थं चइउं तित्थाहि तम्हा तित्थयरपरूवियम्मि तम्हा तित्थयराणं आराहंतो तम्हा तित्थयराणं आराहंतो सम्हा तित्थयराणं आहितो तम्हा तिथे संते धम्मो तम्हा तिलोपहुणो तम्हा तिहि व्व मासो तम्या ऽतीतेणाणादिणा तम्हा तुमं पि वत्थं म्हाऊ मणुया सम्हा से वहमाणो अट्ट तम्हा तेसि सरूवं सहावतम्हा तेसु पवत्तह कन्जेसु तम्हा थणियस्स वि कालतुम्हा दंसेमि इमं गोसे तम्हा दव्वपरिग्गह- दव्वतम्हा दारिद्द-जरा-परपरि - तम्हा दिगम्बराणं तम्हा दिणावसाणे, तुम्हा दुरिय विमाई इह
तुम्हा देवगईए विजं
तम्हा दोसु विनियमा, तम्हा धम्मो दुविहो
त
तम्हा न दिक्खिअव्वा केइ तम्हा न पत्तगहणं जुज्जति तम्हा न बज्झचिट्ठा, असुहा सम्हा न हिसभावो कयावि तम्हा नाणमहन्नव-पसत्थतम्हा नाणी जीवो तं तम्हा नायतरेणं, सडेणं
तम्हा नायतत्तेणं, सुतं तम्हा निग्र्गवेणं एवं
तम्हा निच्चसईए बहुमाणेणं तम्हा निच्चसईए, बहुमाणेणं तम्हा निच्चसईए बहुमाणेणं तम्हा निमित्तकारणभूओ तम्हा नियमेणं चिय जइणो तम्हा निरभिस्संगा धम्म(प्र.प.) ४०२ तम्हा निव्वाणपसाहगाण (चे.म.) ४२७ तम्हा निव्यव्यं (हि.उ.) ५१९ तम्हा नेणं, सावज्जो (ध.सं.) ४९८ तम्हा नेव निवित्ती कायव्वा ( मू. शु.) ६० तम्हा पंचायारा- राहणहेउं (प्र.प.) ६११ तम्हा पडिचरगाणं ( चं.प.) ८८ तम्हा पढमा पेढिअकप्पा (पंच.) ६८८ तम्हा पमायमयरामयं (ग.र्ल) ८ तम्हा पयट्टअव्वं, सम्मं (पंच.) १३२५ तम्हा परमं सद्धं परमविसं (प्र.प.) ५९३ तम्हा परलोगसमुज्जतस्स (चे.म.) ५८१ तम्हा परलोगसमुज्जयस्स (प्र.प.) ५४१ तम्हा परिणामी खलु जीवो (धा.सं.) १३९४ तम्हा परिणामुच्चिय (प्र.प.) १४१
(स्त.) ९५ (पंच.) १२०४ (पंचा.) ६८८
(प्र.प.) ७२८
(श्री.दि.) १७०
(प.सं.) २२१
(ध.सं.) ५२
(स्त.) १३६ (पंच.) १२४५ (पंचा.) ३६ (पंच.) २९ (ध.सं.) ४३८
(प्र.पा.) १६ ( श्रा. प्र. ) १३९ (वि.विं) ३८५ (चं.प.) ११५ (प.द.) १०५ (चे.म.) ६१०
(ध.प.) ५६ ( पु.मा.) ३९५ (यु.प्र.) १६ (स.शा.) २०६ (ध.मा.) १४३ (भ.भा.) ३९८ (गु.त.) ११८५ तम्हा भवचरिमं सो
(प्र.प.) ९१२ तम्हा भावो सुद्धो सव्व
(पंच.) ६४ (ध.सं.) १०८९ (हि. उ. ) २०५ (सं.प्र.) १२३ (हि.उ.) १०१ (ध.सं.) ५४५ (श्री.वि.) २४९ (श्री.दि.) ९६ (ध.सं.) १०३२ (वि. वि) १६८ श्राध.) १०६ ( श्रा. प्र.) १०४ (ध.सं.) ५८० (वि.वि) २०७ (पंच.) २०३
(
૧૮૪
तम्हा सरूवनिययस्स चेव तुम्हा भुजतेण वि अद्वाणं (प्रत्या.) ११७ तम्हा भोत्ता जीवो प.सं. ६०५ तम्हा मज्जंगेहिं जायति म्हा मणसा वि सुयस्स,
(ध.सं.) ८६ (हि.उ.) ११५
तम्हा मनुयाईए वि
तम्हा मद्दवपविणा, माणतम्हा महव्वसुं संकेतोऽ
तम्हा महव्वयाई, लद्धं
तम्हा मा जीव तुमं तुम्हा मिखए बंधी तम्हा मुत्तं कम्मं सिद्धमिदं
तुम्हा मुत्तसरूवानुगमं तम्हा मुहुत्तविगमे तम्हा मेवं स संस तम्हा मोहविमुत्तो
(भ.भा.) ३२३
(हि.उ.) ५०२ (प्र.प.) २१५ (हि.उ.) ४६३
(जी.अ.) ११७
(सं.प्र.) १४६७ (ध.सं.) ७४३ (ध.सं.) ६६२
तम्हा रागमहायवतविएण
तम्हा रागादिविवज्जिएण
(ध.सं.) ९६३
तम्हा रे जीव ! तुमं तन्हा रोएतव्यं भावेयव्वं
तम्हा रायविरुद्धं विद्धंसिय- (हि.उ.) ३३७ (जी.अ.) २६ (ध.सं.) १८
(प.द.) ७४ (सं.प्र.) ६६ (उ.र.) ८२ (याट्) ४९
(न.शा.) १० (आरा. २) २७६ (चे.म.) ४१३ (श्रा. प्र.) १६७ (सं.नि.) ३ (आरा. २) ३१४ तम्हा लिहणं सवर्ण (प्र.प.) ५४६ तम्हा वंदणपूयणबलिमुहेसु ( द्वा.कु.) ४।८ तम्हा वयपरिणामे पवट्टए (गु.त.) १।१७९ तम्हा विलयं वेसं, (सं.प्र.) १४६९ तम्हा विसुद्धचित्ता जिण(ध.सं.) ५४२ तम्हा विसेसओ चिय (ध.सं.) ५१२ तम्हा विसेसिऊणं इय विरई (ध.सं.) ४७५ तम्हा विहिसद्दहणं सया (पु.मा.) २२७ (ध.सं.) ८३८ (वै.कु.) ११ (सं.प्र.) २८१ (पंच.) ६७७ (आरा. २) ३३१ (आरा. २) २१० (प्र.प.) २५३ (आउ. २) २५ (पंच.) ११०६ (हि. उ.) ३४४ तम्हा बावीसाओ सतरसबंध - (श.भा.) २६६
तम्हा परिगतो निमित्ततम्हा परिमिअलूहाहारेण तम्हा पवयण खिसातम्हा पवयणगुतिं रक्खंतेण तम्हा पव्वज्जाई आणि तम्हा पिय- दढधम्मेहिं तम्हा पुण्णमपक्खे तम्हा पुरिसेण सया तम्हा बद्धस्स तओ बंधो तम्हा बहुमंतव्वो, लोओ
तम्हा बुहो पभाए पडिबुद्धो तम्हा बुहो भासारहस्समेयं
(शो.कु.) १४ (भा.र.) १०० (आरा. २) ४१६ (उ. प.) २४३
तम्हा समाणधम्माण,
तम्हा सया विसुद्धं परिणामं तम्हा सरूवनिययस्स चेव
(प्रत्या. ) ४९ (जी.अ.) २१०
(प्र.प.) १५२
(वै.कु.) ३
( श्रा. प्र. ) १७५ (पंचा.) ६३० (श्रा.प्र.) १२३ (जी.अ.) ६४ तम्हा विहीइ सम्मं, नाणीण - (पु.मा.) ४४ तम्हा बुद्धसहावे तरुणे तम्हा संपुत्र च्चिय, जुत्ता
( आरा. २) ६२९ (चे.म.) ८०२ (आरा. १) ७० (हि.उ.) ४८०
तम्हा संविग्गाणं
तम्हा सइ संथरणे, चइज्ज तम्हा सइ सामत्थे, आणा - तम्हा सइ सामत्थे, आणातम्हा सइ सामत्थे, जइज्ज तम्हा सइसामत्थे, वित्थारइ तम्हा सकम्म-विवरे, कज्जं तम्हा सत्तऽणुरूवं अणुकंपा - तम्हा सत्तमपुढवीं, न
(सम्. ३) २३ (दं.प.) १९७ (हि.उ.) २३१ (हि. उ. ) १४८ (पु.मा.) ४९८ (वि.विं) १४० (चे.म.) ७५९
तम्हा सपरविभागो पोगल
(अ.प.) ५३
(हि.उ.) १३९
(य.स.) ६४ (वि.वि) ३४४
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