Book Title: Prachin Jain Itihas Sangraha Part 05
Author(s): Gyansundar Maharaj
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpmala

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Page 19
________________ प्रा० जै० इ० दूसरा भाग (७) शिशुनाग वंशीय राजा श्रेणिक गद्दी पर बैठा और अशोक के राजा को अन्त २२ के ( अधिक साफ़ यह कि उसका मरण हुआ ) इस काल के बीच में ३११ वर्ष २३ का अन्तर है | श्रेणिक राजा ई० पू०५८० में २४ गद्दी पर बैठा, इस हिसाब से अशोक की ई० पू० (५८० - ३११ ) २६६ हुई मानी जायगी । मृत्यु १२ (८) भगवान् बुद्ध और सम्राट् अशोक के बीच का अंतर काल' [२" दान शतक" के अनुसार लगभग दोसौ वर्षों का है। इस हिसाब से बुद्ध की मृत्यु ई० पू० ५२० में है अतः अशोक का समय ई० पू० ३२० होगा । अशोक का राज्याभिषेक इ० पू० ३२५ है और उसके चार वर्ष बाद २६ उसने बौद्धधर्म को स्वीकार किया ऐसा अर्थ मानने से ही उसका काल ( ३२५-४ ) ३२१ वर्ष ईसा पूर्व आता है । यदि गद्दी मिलने के चार वर्ष बाद उसका बौद्धधर्म स्वीकार करना मान लें तो ई० पू० (३३०-४) ३२६-२५ आता है जिससे अनुमान किया जा सकता है कि पू० ३२१ वर्ष में जब अशोक स्वयं बोद्ध हुआ तो उसके (२२) इण्डियन एण्टीक्करी ३२ पृ० ३४२ किसी विद्वान् ने मूल का भाषांतर करते हुए Death शब्द के स्थान पर Termination of reign कर दिया ऐसा ज्ञात होता है ) । (२३) वायु पुराण में ३१२ वर्ष और मत्स्य पुराण में ३११ वर्ष लिखा है । (देखिए बुक आफ इण्डियन ईरोज़ पृ० ३५ तथा इण्डियन एण्टीकरी पु० ३२ पृ० २३२ ) । " (२४) देखिए मेरा लेख शिशुनाग वंश की वंशावली टीका नं० ५। (२५) को स इन्स्क्रीप्शन इन्डीकेरम प्रस्तावना XI देखिए । (२६) दीपवंश IV १८ तथा इण्डियन एण्टीक्केरी १९१४ पृ० १६६, महावंश V १८ |

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