Book Title: Prachin Jain Itihas Sangraha Part 05
Author(s): Gyansundar Maharaj
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpmala

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Page 84
________________ Navratrimoney लेख संग्रह भाग 1-2-3 - - मुनि श्री ज्ञानसुन्दरजी महाराज समाज सुधार विषय पर समय समय अखबारों में लेख दिया करते हैं पर वे लेख प्रायः गुर्जर पत्रों में छपते हैं इसलिए हिन्दी भाषा * भाषियों के पठन पाठनार्थ हमने प्रस्तुत लेखों का संग्रह * कर पुस्तक के रूप में मुद्रित करवाया है लेख बड़ी ही जोशीली भाषा में हैं जनता पर अच्छा प्रभाव डालने * वाले हैं। धर्म महोत्सवों के सुअवसर पर इन पुस्तकों की प्रभावना दी जाय तो बड़ा भारो लाभ होगा। मूल्य प्रचारा- क भाग का दो पेसा ही रखा गया है / लेख प्रायः गुर्जर पत्रों में छ५९. गेक भागाठनार्थ हमने ब्रताम्बर सभा भत्सवा जर पत्रों में छ५. देत कर सिटी (मारवाड़) 'य तो बड़ा यार्थ हमनता पर ग का दो पेसा ही के सुत्रज्ञान पुष्पमाला में छ५० तारबड़ा / फलौदी (मारवाड़) रजनन पर

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