Book Title: Prachin Jain Itihas Sangraha Part 05
Author(s): Gyansundar Maharaj
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpmala

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Page 24
________________ महाराजा सम्प्रति के शिलालेख __ अब आप उक्त वर्षों की तुलना करके निर्णय कर सकेंगे कि महान् सिकन्दर ने ई० पू० ३२७ में भारत पर चढ़ाई की थी, उस समय कौनसा मौर्यवंशी पुरुष उससे मिलने उसकी छावनी में गया होगा ; और ग्रीक इतिहासकारों ने जो सेण्ड्रोकोट्स (चन्द्रगुप्त) लिख मारा है उसके लिखने में उन्होंने सत्य का या असत्य का कहाँ समर्थन किया है ? तथा वह व्यक्ति कुमार पद पर था य, राज पद पर ? मि० सी० पी० मुकुर्जी भी अपना मत४२ इस भाँति इस सम्बन्ध में प्रकट करते हैं: योरोपीय विचारकों ने बिना पूर्ण प्रमाण के केवल उच्चारण साम्य के आधार पर, जिस भाँति मेसर्स जस्टिन स्ट्रवो और अन्य सम्मान्य ग्रीक लेखकों ने मेगस्थनीज़ की कल्पित बात के आधार पर लिख मारा था कि सेण्ड्रोकोट्स अर्थात् चन्द्रगुप्त४३ और उसने महान् सिकन्दर के साथ भेंट की थी तथा ई० पू० ३१० में सेल्यूकस निकोटर को हराया था और पंजाब में से (४२) इण्डियन एण्टीकरी पु० ३२ पृ० २३२ देखिए । (४३) इसके विरुद्ध यह प्रश्न उठ सकता है कि सेण्ड्रोकोट्स ही चन्द्रगुप्त था इसका प्रमाण क्या है ?। साथ ही उसका समकालीन राजा अशोक मगध की गद्दी पर था और उसके समकालीन रूप में ग्रीस के पाँच भाग करके भिन्न भिन्न पाँच राजा जिनके नाम शिलालेख में हैं वे ही राज्य करते थे इसका क्या प्रमाण है ? अथवा अशोक के उस देश में भिन्तुकों के भेजने का प्रमाण कहाँ है ? महावंश तथा दीपवंश जैसे प्रधान बौद्ध ग्रन्थों में भी इस सन्बन्ध में एक शब्द भी लिखा हुआ नहीं मिलता।

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