Book Title: Parmatmaprakash
Author(s): Yogindudev, A N Upadhye
Publisher: Paramshrut Prabhavak Mandal
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- 235 : २-१०४ ]
परमप्प-पयासु
225) बुज्झत परमत्थु जिय गुरु लहु अस्थि न कोइ । जीवा सयल वि बंभु परु जेण वियाणइ सोइ ॥ ९४ ॥ 226) जो भत्तउ रयण-त्तवहँ तसु मुणि लक्खणु एउ | अच्छउ कहि विकुडिल्लियइ सो तसु करइ न भेउ ।। ९५ ।। 227) जीवहँ तिहुयण-संठियह मूढा भेउ करंति !
केवल-णाणि णाणि फुडु सयलु वि एक्कु मुणंति ॥ ९६ ॥ 228) जीवा सयल वि णाण मय जम्मण-मरण- विमुक्क ।
जीव-पएसहि सयल सम सयल वि सगुणहि एक्क ।। ९७ ।। 229 ) जीवहँ लक्खणु जिणवरहि भासिउ दंसण - णाणु ।
तेण ण किज्जइ भेउ तहँ जइ मणि जाउ विहाणु ॥ ९८ ॥ 220) बंभ भुवणि वसंताहँ जे गवि भेउ करंति ।
ते परमप्प-पयासयर जोइय विमलु मुणंति ॥ ९९ ॥ 231) राय-दोस बे परिहरिवि जे सम जीव नियंति ।
ते सम भावि परिट्टिया लहु णिव्वाणु लहंति ॥१००॥ 232) जीवह दंसणु णाणु जिय लक्खणु जाणइ जो जि ।
ह - विभेएँ भेउ तहं णाणि कि मण्णइ सो जि ॥ १०१ ॥ 233) देह - विभेयइँ जो कुणइ जीवहँ भेउ विचित्तु |
सो व लक्खणु मुणइ तहँ दंसणु णाणु चरितु ॥ १०२ ॥ 234 ) अंग सुमइँ बादरद्द विहि-वसि होंति जे बाल ।
जिय पुणु सयल वि तित्तडा सव्वत्थ वि सय-काल ॥१०३॥ 235) सत्तु वि मित्तु वि अप्पु परु जीव असेसु वि एइ । एक्कु करेविणु जो मुणइ सो अप्पा जाणे ॥ १०४ ॥
225) TKM जीया सयलु वि बम्ह" विजाणइ. 226 ) TKM परमप्पयहं for रयणत्तयहं; A कहिमि for कहिवि. 227) TKM तिहुवणे; BC केवलणाणइ; TKM केवलणाणे; TKM पुणु for फुडु; B इक्कु . 228) TKM सलु (everywhere ); C णाणमइ. 229 ) TKM तहि for तहं, मणे for मणि. 230 ) Wanting in TKM; B बम्हहं 231 ) TKM रायद्दोस बे; A परिहरेवि, TKM; परिहरवि; TKM जे समु जीवु, समभावपरिट्टिया 232 ) TKM देहिहि भेयइ भेउ तहि णाणि कि मण्णइ सोज्जि. TKM C दंसणणाणचरितु. 234 ) TKM विहिवसे C विहिवसि; TKM तेत्थडा Wanting in B ; C भसेस वि एउ, गाणे for जाणेइ
233) Wanting in for तित्तडा 235 )
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