Book Title: Parmatmaprakash
Author(s): Yogindudev, A N Upadhye
Publisher: Paramshrut Prabhavak Mandal
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संस्कृतटोकायामुक्तानां पद्यानीनां वर्णानुक्रमसूची
पृष्ठाङ्काः
आगम, [ कुन्दकुन्द, प्रवचनसार १-१६ ].
[ रामसिंह, दोहापाहुड ८४]
कुन्दकुन्द, मोक्षप्राभृत [ ७७ ]. [कुन्दकुन्द, पञ्चास्तिकाय ७ ]. [ रामसेन, तत्त्वानुशासन ८३ ]. [ रामसिंह, दोहापाहुड १९ ].
१२४ अइसयमादसमुत्थं १६२ अकसायं तु चरित्तं २०४ अक्खरडा जोयंतु ठिउ
२७ अक्खाण रसणी १५८ अज्ज वि तियरण१४८ अण्णोण्णं पविसंता ९२ अत्रेदानी निषेधन्ति २६३ अथिरेण थिरा ६० अनादितो हि मुक्त-- २८ अन्यथा वेदपाडित्य २०० अपरिग्गहो अणिच्छो
५ अभूदपुव्वो हवदि ३३ अरसमरूवमगंध १६४ अस्त्यामानादिबद्धः १५३ आत्मानमात्मा
३७ आत्मानुष्ठाननिष्ठस्य १२१ आत्मोपादानसिद्ध २२७ आनन्दं ब्रह्मणो
९९ आभिणिसुदोहि १७८ आर्ता नरा धर्मपरा २९६ आसापिसाय
१६ इत्यतिदुर्लभरूपां १७९ ऊर्ध्वगा बलदेवाश्च १४३ एगणिगोदसरीरे २६८ एदम्हि रदो णिच्चं १४३ ओगाढगाढणिचिदो २६० कषायैरिन्द्रियैः १९२ कंखिदकलुसिदभूदो
२२ कः पण्डितो १५८ चरितारो न सन्त्यद्य २६६ चंडोण मुयइ २५२ चित्ते बद्ध बद्धो १२९ र्ज पुण सगयं
[ कुन्दकुन्द, समयसार २१० ]. [ कुन्दकुन्द, ] पञ्चास्तिकाय [२०]. [ कुन्दकुन्द, ] (भाव-) प्राभूत [ ६४; पञ्चास्तिकाय १२७]. पूज्यपाद, [ सिद्धभक्ति २]. पूज्यपाद, [ सिद्धभक्ति ४ ]. [ पूज्यपाद, इष्टोपदेश ४७ ]. [ पूज्यपाद, सिद्धभक्ति ७].
[ कुन्दकुन्द, समयसार २०४ ].
परमागम, [ नेमिचन्द्र, गो० जीवकाण्ड १९५]. [ कुन्दकुन्द, समयसार २०६ ]. [ कुन्दकुन्द, पञ्चास्तिकाय ६४ ].
[ अमोघवर्ष, प्रश्नोत्तररत्नमाला ५]. [ रामसेन, तत्त्वानुशासन ६ ]. [ नेमिचन्द्र, गो० जीवकाण्ड ५०८ ].
[ देवसेन, तत्त्वसार ५ ].
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