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आवर्त प्रकरण आसनमी जम जाता है आवर्तके भेद तो विशेष हैं शेरिन यहा पर तो उन्हींका वर्णन किया जायगा कि जो समझमें आ गए हैं, और मत्येक आवर्तको सुगमता से समझने के लिए हायके पक्षका चिन यता फर उगलियो पर नम्बर दिये गए हैं जिसको देखने से समझनेमे और भी मुविधा होगी। ___आवर्तसे माला फेरनेका पहला विधान इस तरहसे बताया है कि निजके दाहिने हाथकी उगालि योमेसे फनिष्टा उगलीके नीचेके पेवेंसे शुरुआत फरे, जिससे कनिष्टाके तीनों पेरवें चोथा अनामिकाके उपरका पाचपा मव्यमाके उपरका छटा तर्जनीके उपरका सातवा तर्जनीके मायका आठवा तर्जनीके नीचेका नौवा मध्यमाके नीचेकादशना अनामिकाके नीचेका ग्यारहया अनामिकाके मयका और वारहवा मध्यमाके मध्यरा, इस तरहसे बारह हुवे सो नी यार गिननेसे एक मालापूरी हो जाती है, इसीका नाम आवर्त है, इस आपसे जो जाप करते है उनको शान्ति दृष्टि पुष्टि तत्काल होती है अतः यह आवर्त भादरणीय है। ।