Book Title: Navkar Mahamantra Kalp
Author(s): Chandanmal Nagori
Publisher: Chandanmal Nagori

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Page 51
________________ ४३. आसन प्रकरण ___ ध्यान करने के लिए बैठे तय झुक कर अथवा शरीरको शिथिल बना कर नहीं बैठना चाहिए, बिलकुल स्टार होकर इस तरह चैठना कि जिससे वासकी नली सीधी रहे और श्वास रोकने व निका. लनेमें वाधा न आवे इस तरहसे सुखासन पर जो बैठते है उनका ध्यान अच्छा जमता है। ध्यानशक्तिके प्रभावसे तीन लोकको विजय कर मोसमुख पा सकते है । इस लिए व्यान शक्ति पर श्रद्धा रखना चाहिए और ध्यान करते समय अनिवार्य सङ्कट सहन करना पड़े तो भी दृढ चित्त रह कर एकाग्रता सहित ध्यान करते रहना, आत्मविश्वास रखना, ज्ञानियोके वचनको सत्य मानना वो अपश्य उच्च पद माप्त होगा। कितने भाई कहा करते है कि क्या कर मन वशमें नही रहता इस लिए ध्यान करने में स्थिरता नही आती। इस तरहका कहना स्वच्छन्दताका है। मन तो वशमें रहता है किन्तु जप-ध्यान करते समय हम नहीं रख सकते । अगर मन कशमें नहीं रहता हो तो रपया गिनते दस्त नोट सम्भालते वरत,

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