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श्री नवकार महामंत्र कल्प
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|| मुख्य रक्षा मंत्र ॥
ॐ णमो उवज्झायाण महि एहि भगवति वज्र कवच वत्रिणि रक्ष रक्ष हूँ फट् स्वाहा ॥ १२ ॥
मुखके अवयवोको किसी तरहका नुकसान न पहुचे, देव दानव द्वारा किसी प्रकारकी पीढा न होने पावे इस हेतु इस मत्रका ध्यान करना ।
|| इन्द्रस्य कवच मन ॥
ॐ णमो लोग सव्वसारण क्षिम साधय साधय वज्रहस्ते शूलिनि दुष्ट रक्ष रक्ष आत्मान रक्ष रक्ष हूँ फट् स्वाहा ॥१३॥
किमी दुष्ट मनुष्यकी तरफसे सताप पीडा आई दो या आने वाली हो तो इस मत्रसे मिट जाती और निजके आमाकी रक्षा होती है ।
|| परिवार रमा मत्र ॥
ॐ अरिहय सर्व रक्ष रक्ष हँ फट् स्वाहा ॥ इस मंत्र द्वारा कुटम्प परिवारकी रक्षाके लिए ध्यान करना चाहिए कोई आपत्ति सकट हो तब उपयोग करे ।