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श्री नवकार महामंत्र कल्प विकट पंथ या निजगृह में अथवा अन्यत्र चोरादि उपद्रव उत्पन्न हुवा हो उस समयमे इस मंत्र का जाप करनेसे उपद्रव शान्त हो जाता है और भय चला जाता है । इस मंत्र में शक्ति तो इतनी है कि चौरादिका स्तम्भन हो जाता है, किन्तु ध्याता पुरुषका पराक्रम हो तब इतनी सिद्धि तक पहुंच सकते हैं । सम्भव है श्री जम्बूस्वामीने इसी मंत्रका उपयोग किया हो ज्ञानीगम्य है ।
॥ मोहिनी मंत्र ||
ॐ नमो अरिहन्ताणं, अरे अरिणि मोहिणि, अमुकं मोहय मोहय स्वाहा ||३७||
इस मंत्र को साध्य करते समय पटिक्रिया करके अमुक नाम सहित जाप करे और प्रत्येक मंत्र सफेद पुष्प हाथमें लेकर बोलता जाय और सामनेके आलम्बन पर चढाता जाय तो मोहिनि मंत्र सिद्ध होता है पटिक्रिया गुरुगम से जानना चाहिए ।
॥ दुष्ट स्तम्भन मंत्र ॥
ॐ ही अ. सि. आ. उ. सा सर्वदुष्टान