Book Title: Navkar Mahamantra Kalp
Author(s): Chandanmal Nagori
Publisher: Chandanmal Nagori

View full book text
Previous | Next

Page 74
________________ ६६ श्री नवकार महामंत्र कल्प ॐ नमो आयरियाणं, ॐ नमो उवज्झायाणं, ॐ नमो लोए सव्व साहूणं झुल झुल कुल कुलु चुलु चुल मुल स्वाहा ||४०|| इस मंत्रका आराधन जीवदया, जीवरक्षा, बंदीवानको मुक्त कराने के हेतुसे करना चाहिए साधन करते समय थाली में या पट्ट पर जो सप्तधातुकी हो या ताम्बेकी हो उस पर अष्टगन्धसे मंत्र को लिखे सवालाख जाप करे, जब जाप पुरे हो जाय तब सिद्धिक्रियामें चलिकर्म अर्चनादिका विधान वरावर करे तो देव सहायक होते हैं, और जीवरक्षाके समय अमुक संख्या में जाप करनेसे विजय होता है । || सम्पत्ति प्रदान मंत्र ॥ ॐ ह्रीं श्री क्की अ. सि. आ. उ.सा. चुलु चुल झुल झुल कुल कुलु मुल मुलं इच्छियं मे कुरु कुरु स्वाहा ॥४१॥ इस मंत्र का चोबीसहजार जाप करना चाहिए, विधि सहित जाप हो जाने वाद उत्तर क्रिया करना और बादमें एक माला नित्य फेरते रहना सर्व प्रकारकी सम्पत्तिका लाभ होगा ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120