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श्री नवकार महामंत्र कल्प
॥ स्वप्ने शुभाशुभ कथितं मंत्र ॥ मंत्र नम्बर ३२ जो उपर बताया है, इसको खडे खडे कायोत्सर्गमें स्थित रह कर ध्यान करे और ध्यान पूरा होने पर किसीसे वोले बिना मौनपने भूमिशय्यापर पूर्वदिशा की तरफ सो जावे तो स्वप्न में शुभाशुभ फलका भास होता है ॥३३॥
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|| विद्याध्ययन मंत्र ॥
अरिहन्त सिद्ध आयरिय उवज्झाय सव्वसाह ॥ ३४ ॥
इस मंत्र का जाप करनेसे विद्याध्ययनमें सहायता मिलती है, और द्रव्य प्राप्ति व सुखके देनेवाला है । || आत्मचक्षु परचक्षु रक्षा मंत्र ॥
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ॐ ह्रीं नमो अरिहन्ताणं पादौ रक्ष रक्ष,
ॐ
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ही नमो सिद्धाणं कटिं रक्ष रक्ष, ॐ ह्रीं नमो
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आयरियाणं नाभि रक्ष रक्ष, ॐ ही नमो उव
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ज्झायाणं हृदयं रक्ष रक्ष, ॐ ह्रीं नमो लोए