Book Title: Navkar Mahamantra Kalp
Author(s): Chandanmal Nagori
Publisher: Chandanmal Nagori
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श्री नवकार महामंत्र कल्प
ज्झायाणं है एहि पहि भगवति वज्रकवचे वज्रपाणि रक्ष रक्ष हूँ फट् स्वाहा । ॐ णमो लोए सव्वसाहूणं हः । क्षिप्रं साधय साधय वज्रहस्ते शलिनि दुष्टान् रक्ष रक्ष हँ फट् स्वाहा । एसो पञ्चनमुक्कारो वज्रशिलाप्राकारः । सव्वपावप्पणासणो वप्रोवज्रमयो मङ्गलाणं च सव्वेसिं खादिरांगारमयीखातिका । पढमं हवइ मङ्गलम् वप्रोपरिवज्रमय पिधानं ॥१८॥
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उपरोक्त मंत्र चमत्कारी है इसमें सकलीकरण भी आ गया है, इसके प्रभावसे शांतिका साम्राज्य होगा और तमाम तरह के विघ्न नष्ट होंगे ऋद्धि सिद्धिदाता और मङ्गलिक मंत्र है |
॥ वशीकरण मंत्र (१) ॥
ॐ ह्रीं नमो अरिहन्ताणं, ॐ ही नमो सिद्धाणं, ॐ ही नमो आयरियाणं, ॐ ही नमो उवज्झायाणं, ॐ ह्री नमो लोए सव्वसाहूणं, ॐ ह्रीं नमो णाणस्स ॐ ह्रीं नमो दंसणस्स; अमुकं मम वशी कुरुकुरु स्वाहा ॥१९॥
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