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श्री नवकार महामंत्र कल्प
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इस मनकी साधना करनेके बाद जिसको आधीन करना हो उसका नाम "अमुक " के बजाय छेकर जाप किया जाय तो सवा लक्ष जाप हो जाने पर सिद्ध होता है, और जब कार्यका मसग आवे तर वीस बार जाप करे और मति जाप नये वस्रके या पगडीके एक गांठ देता जाय और खोल कर फटकारता जाय तो कार्य की सिद्धि हो जाती है ।
॥ वशीकरण मन्त्र (२) ॥
ॐ नमो अरिहन्ताण, ॐ नमो सिद्धाण, ॐ नमो आयरियाण, ॐ नमो उवज्झायाण, ॐ नमो लोग ससाण, ॐ नमो नाणस्स, ॐ नमो दसणस, ॐ नमो चारितस्स, ॐ ही मैटो वशकरी ही स्वाहा ॥२०॥
उपरोक्त मनका साधन करके जल वगैराह मनित करके पीलाने से या कोई वस्तु खिलानेसे प्रयोजन सिद्ध होता है। लेकिन अकार्यके हेतु यह मन काममें न लिया जाय समविवन्त आत्माको कार्य तरफ ही दृष्टि रखना चाहिए ।