Book Title: Navkar Mahamantra Kalp
Author(s): Chandanmal Nagori
Publisher: Chandanmal Nagori

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Page 57
________________ श्री नवकार महामंत्र कल्प ____उपरोक्त मनद्वारा नेत्र पवित्र करना चाहिए, और आमि स्नेहभाव, सरलता, भद्रिकता, भव्यता, के भावका प्रकाश हो, इस तरहसे दृष्टि रखना चाहिए । दृष्टि सिद्धिसे बहुत बड़े काम सिद्ध हो सकते हैं। मंत्र साधनमें दृष्टियोग रहुत सहायक होता है, ध्यान जमाने के लिए चित्तकी स्थिरताके लिए, दृष्टि स्थिर रखनेका प्रयल करना चाहिए, दृष्टि सिद्धि हो जाय तो उच्च स्थितिमें आते देर नही लगती, उत्कर्ष अवस्थामें आनेके लिए यह साधन अमूल्य समझना चाहिए। ॥ मस्तर्फ शुद्धि मध ॥ ॐ नमो भगवती ज्ञानभूतिः सप्तशतक्षुकादि महाविद्याधिपतिः विश्वरूपिणी ही है क्षो क्षा शिरस्त्राणपचित्रीकरण ॐ णमो अरिहताण हृदय रक्ष रक्ष हूँ फट् स्वाहा ॥९॥ ज्ञान ध्यान मत्र तत्र साधन प्रयोग आदि तमाम कामि दिमागी ताकतकी आवश्यक्ता है जहा मगर जशक्तिका अभाव होता है वहा किसी तरह की

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