Book Title: Navkar Mahamantra Kalp
Author(s): Chandanmal Nagori
Publisher: Chandanmal Nagori

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Page 42
________________ श्री नवकार महामंत्र-कल्प प्रथम मध्यमा उङ्गलीके मध्य भागके पेरवेंसे शुरुआत करे, दूसरा अनामिकाका मध्य, तीसरा अनामिकाके नीचेका, चोथा मध्यमाके नीचेका, पांचवां तर्जनीके नीचेका, छट्ठा तर्जनीका मध्य, सातवां तजनीके उपर, आठवां मध्यमाके उपरका, नौवां अनामिकाके उपर का, दशवां कनिष्टाके उपरका, ग्यारहवां कनिष्टाके मध्यका, और वारहवां कनिष्टाके नीचेका, इस तरह तीसरी तरकीव है जिसका चित्रभी दिया गया है सो जैसा जिसको पसंद हो आदर करे। नवपद आवर्त प्रकरण नवपद आवर्त्ततो जैनियोंमें मशहूर है जो महामंत्र सूचक है और यह पुस्तक ही सारा नवपद पर ही लिखी जा रही है, श्रीनवकार महामंत्रका दूसरा नाम नवपद है जिसके आवर्तसे कोइ जाप करना चाहे तो तरकीब यूं बताई गई है कि मध्यमा उङ्गलीके मध्यके पेरवेंसे शुरु करे, दूसरा मध्यमाके उपरका, तीसरा तर्जनीके मध्यका, चोथा मध्यमाके नीचेका, पांचवां अनामिकाके मध्यका, छट्ठा तर्जनीके उपरका,

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