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पटना प्रकरण
होकी उपासना करने वालो के लिए आदरणीय है इस विषय में और भी खोज की जायगी तो विशेष जानकारी होना सम्भव है ।
पदनावर्त्त प्रकरण
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पटनावर्त्तके लिए ऐसा पाया गया है कि पांच पदका इससे जाप होता है, प्रथम ब्रह्मरन्धमें, दूसरा ललाटमें, तीसरा कण्ठ पिञ्जरमें, चोथा हृदयमें और पाचवा नाभि कमलमें पञ्चपरमेष्टिको स्थित करके ध्यान करता जाय ।
दूसरी तरकीन पटनावर्तकी यह भी है कि मयम ब्रह्मरन्धमें दूसरे ललाटमें, तीसरे चक्षु चोथे श्रवण, और पाचवे मुख इस तरह व्यान करता जाय । तीसरी एक तरकीब और भी है जिसके लिए कहा है कि
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युगले नाशिका ललाटे । के नामी शिरमि हृदये तालुनि भुयुगान्ते 11 ध्यानस्थानानाम्यमलमतिमि कितितान्पत्र देहे । प्रस्मिन निगत विषय चित्तमालम्वनीयम् ॥१॥