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________________ पटना प्रकरण होकी उपासना करने वालो के लिए आदरणीय है इस विषय में और भी खोज की जायगी तो विशेष जानकारी होना सम्भव है । पदनावर्त्त प्रकरण ३७ पटनावर्त्तके लिए ऐसा पाया गया है कि पांच पदका इससे जाप होता है, प्रथम ब्रह्मरन्धमें, दूसरा ललाटमें, तीसरा कण्ठ पिञ्जरमें, चोथा हृदयमें और पाचवा नाभि कमलमें पञ्चपरमेष्टिको स्थित करके ध्यान करता जाय । दूसरी तरकीन पटनावर्तकी यह भी है कि मयम ब्रह्मरन्धमें दूसरे ललाटमें, तीसरे चक्षु चोथे श्रवण, और पाचवे मुख इस तरह व्यान करता जाय । तीसरी एक तरकीब और भी है जिसके लिए कहा है कि trat युगले नाशिका ललाटे । के नामी शिरमि हृदये तालुनि भुयुगान्ते 11 ध्यानस्थानानाम्यमलमतिमि कितितान्पत्र देहे । प्रस्मिन निगत विषय चित्तमालम्वनीयम् ॥१॥
SR No.009486
Book TitleNavkar Mahamantra Kalp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandanmal Nagori
PublisherChandanmal Nagori
Publication Year1942
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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