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अर्ध राय मध्य परिवारा || नायक पास आया देख हर्षाया । किया लुली २ ते जुहारा || देखो || १ | आदर देइ पूछे नायक से । किम है सिंहल सिरदारा ॥ गज भेट श्विकारी दीसे । कया कांइ समाचारा || देखो || २ || कर जोडी विण जारो बोले । तिहां अच्छे चेन चारा | आपको कुशल आहो निश चहावे । वली सुणो गुप्त विचारा || देखो ॥ ३ ॥ नृपकी कन्या हुइ वर जोगी । पद्मणी रूप अपारा | योग्य वर आपनेइ जाणी । घोलावे हे इणवारा || देखो ॥ ४ ॥ कोई उपाय करीने श्वामी । जरूर कीजे पधारा ॥ आयो हूं मे आस धरी ने । विनंती ये अव धारा ॥ देखो ॥ ५ ॥ कुँवर कहे मुज उपर भाइ । राय को प्रेम अपारा || ते सुणे तो कबू नहीं देवे । छूट्टी क्षिण ही लगारा ॥ देखो ॥ ६ ॥ पण तेतो मुज तात कां मंली। किम करूं हूं नाकरा || अवसर हुयो तो राते आस्यूं । थाणा डेरा मझारा ॥ देखो || 9 || नायक कहे श्वामी कोइक मिशकर । जरूर पधारो निशारा ॥ धन सैन्या को टोटो नहीं कछू । आप पुण्ये सज सारा ॥ | देखो ॥ ८ ॥ इम कही बिणजारो गयो डेरे । सुख दत्त आया आगारा ॥ भोजन करने युक्ती विचारी । चाल्या नायक द्वारा || देखो ॥ ९ ॥ तंबू देखी दोड लगाइ । पेठा डेरा मझारा ॥ नायक आदी पासे आइ । खमा २ करे सत्कारा ॥ देखो ॥ १० ॥ च