Book Title: Jindas Suguni Charitra
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Navalmalji Surajmalji Dhoka

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Page 121
________________ पत्र ४६ ४८ 60°°°° पर बोली ܚ ܐ ܐܬ 6 mom.c.c १४ અહ बैठी हाँस्थल निलस परिवार यहा थवयो हो निज वेमन तण कम रमाइ खेमो मांय था धर्मी विघारे उक्तष्ट श्रमणो शुद्ध येषां हांसल मिलसी परिवारा यह थियो दो जिन वैममन तणा काम नरमाइ क्षमो मांज थी भ्रमे विधारे उत्कृष्ट श्रमणो 2023529223123 पत्र 0000 ५४ ५४ ५४ ५४ ५४ पृष्ठ こ २ २ 7 २ २ २ 2 २ २ गोली ོ ཀྱས ཀྱ སྐྱུ༠༠ - ༡༩ ༧ v ལསྱཱ ག १३ अशुद्ध ॥ सुजो ३ ५ ११ टठ्ठा बेठ १४ ला ཝ ཐཱ ཝཱ ཝཱ शरमातो बांधो कोढ खसुर तित इण कल्म सम्य चन्द्रमे इस सिवाय और भी पड़ छेद व चरण रेखा वगैरा की कही २ कर रही है सो सद सुधार के याना शुद्ध ॥ सुणो ॥ पुजो ठठ्ठा बेठा ल उखा दुनि गोपी होसे करे ने शमाता मतबान्धो कोड स्वसुर तिम इणमे कल्प सम्प चन्दमे ॥ १ ॥

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