________________
विषय
उपसहार
सहायक ग्रन्थ-सूची
पृष्ठ संख्या
जैनेन्द्र का मश्लेषणात्मक दृष्टिकोण, श्रद्वैत चर्चा का विषय नही, द्वैत से प्रद्वैत की ओर, जीवन अखण्ड इकाई, काल-खण्ड देश अविभाज्य, ऐक्यबोध ग्रहविसर्जन, अर्धनारीश्वर द्वैत बोधक, मानसिक सरचना प्रखण्ड, भौतिक मौर आध्यात्मिक ऐक्य, व्यक्तित्व प्रखण्ड, सत्व, रज, तम सश्लिष्ट, सृष्टि प्रखण्ड, साहित्यिकप्रक्रिया सश्लेषणात्मक, सत्यबोध श्रद्वामूलक, गैस्टाल्ट मनोविज्ञान, जैनेन्द्र की प्रखण्ड दृष्टि और गैस्टाल्ट ।
३०६---३१४