Book Title: Jain Tark Bhasha
Author(s): Ishwarchandra Sharma, Ratnabhushanvijay, Hembhushanvijay
Publisher: Girish H Bhansali

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Page 8
________________ 44 १ ६३ ६४ ६६ ६७ ६८ ६९ शब्द नय का समभिरूडनय का एवंभनय का अर्थ नय और शब्द भय का व्यवहार और निश्वयनय का ज्ञान नय और क्रिया नम का नयों के न्यूनाधिक विषय नयाभासों का निरूपण नयाभास और संग्रहान्भास का व्यवहाराभास का ऋजुसूत्राभास का शब्दाभास का समभिरूडाभास का एवभताभास का अर्थनयाभास आदि का निरूपण -: निक्षेप परिच्छेद: निक्षेप का कक्षण निक्षेप का फल निक्षेपों का भेद नाम निक्षेप का स्वरूप 99 99 स्थापना 99 99 99 97 99 19 99 99 " १९. २० २५ २.८: २.९. ३४ 86. ५.३: ५६ ६२. ६२. ६३: १ ५. d

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