Book Title: Jain Tark Bhasha
Author(s): Ishwarchandra Sharma, Ratnabhushanvijay, Hembhushanvijay
Publisher: Girish H Bhansali

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Page 7
________________ ३५ م کم ४१ ४२ ४३ ४४ ४५ ४ ६ ३६ हेतु के भेद ૨૭ ३८ निषेधरूप हेतु का हेत्वाभासों का ३९ १७ ४८ ४९ हेतु प्रयोग के दो मेद ५० ५१ ५२ २९५ ३०३ ३०३ ३२० ३२८ ३२८ ३३५. ३३७ ३४६ ३५१ आगम प्रमाण का निरूपण ३५६ सप्तभंगी का स्वरूप ३६८ सप्तभंगी के सकलादेश और विकलादेश स्वभावों ३९३ का निरूपण विधिरूप हेतु का निरूपण 19 असिद्ध हेत्वाभास का विरुद्ध " 99 "1 अनैकान्तिक " अकिंचित्कर हेत्वाभास का निषेध ! कालात्ययापदिष्ट और प्रकरणसम का निषेध व्यवहार नय का ऋजुसूत्र नय का 19 नय परिच्छेदः -- नय का लक्षण नय के द्रव्यार्थिक और पर्यायार्थिक नामक दो भेद ५ नैगम नय का संग्रह नय का स्वरूप 29 19 १५ १६

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