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उत्तर - प्रकाश एक ही अखण्ड द्रव्य है परन्तु उसमें धर्म अधर्म द्रव्य स्थित होने से आकाश के दो भेद हैं- लोकाकाश और अलोकाकाश ।
प्रश्न (६६ ) -- लोक अलोक भेद किस कारण से है ?
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उत्तर- धर्म, धर्मद्रव्य, होने से लोक प्रलोक का भेद है । यदि लोक में धर्म अधर्म द्रव्य ना होते तो लोक प्रलोक ऐसे भेद ही नहीं होते ।
प्रश्न ( ७० ) - फष्ट क्लास के डब्बे में एक घनी बैठा है कोई गरीब आदमी आता है बाबू जी गाड़ी में कहीं भी जगह नही है मुझे भी ज़रा सी जगह दे दो । धनी आदमी कहता है कि चल चल भागे । गरीब चारों तरफ चक्कर काटता रहा और गाड़ी ने सीटी देदीतब वह गरीब घनी प्रादमी से हाथ जोड़कर बोला बाबू जी मेरा बाप मर गया है मुझे पहुंचना जरुरी है। तब धनी कहता है कि आवो आवो, देखो हमने तुम्हें जगह दी है ना ?
उत्तर - देखो जगह देने में निमित्त है आकाश द्रव्य । मानता है मैंने जगह दी । ऐसी मान्यता वाले जीव ने अभिप्राय में प्रकाश को उड़ा दिया, इसका फल निमोद रहा ।
प्रश्न (७१) - प्रकाशद्रव्य कितने हैं और कहाँ २ रहते हैं ? उत्तर - प्रकाश एक ही द्रव्य है और वह लोक अलोक में रहता है।