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( १०४ ) उत्तर-प्रत्येक गण अपने स्वद्रव्य के क्षेत्र में निरन्तर अपना
ही कार्य करता है; कभी पर का या पर गुण का कार्य नहीं करता—ऐसी प्रत्येक गण के कार्य क्षेत्र की
मर्यादा है। प्रश्न (२८)-ज्ञान गण को गुण की परिभाषा में लगायो ? उत्तर-ज्ञान गण जीव द्रव्य के सम्पूर्ण भागों में और सम्पूर्ण
अवस्थानो मे त्रिकाल रहता है। प्रश्न (२६)-क्या रस ग ण जीव द्रव्य के सम्पूर्ण भागों मे और
सम्पूर्ण अवस्थाओं मे त्रिकाल रहता है ? उत्तर-बिल्कुल नहीं, क्योकि रस गण पुद्गल का है जीव
का नही, इसलिए रस ग ण पुद्गल द्रव्य के सम्पूर्ण भागों मे और सम्पूर्ण अवस्थाप्रो में त्रिकाल रहता है जीव मे नहीं।
प्रश्न (३०)-चारित्र गुण को गुण की परिभाषा में लगायो ? उत्तर-चारित्र गण जीव द्रव्य के सम्पूर्ण भागों में तथा
उसकी सम्पूर्ण अवस्थाओं मे रहता है। प्रश्न (३१)-गतिहेतुत्व गुण को गुण की परिभाषा में लगायो । उत्तर-गतिहेतुत्व गुण धर्म द्रव्य के सम्पूर्ण भाग तथा उसकी
सम्पूर्ण अवस्थाप्रो में रहता है। प्रश्न (३२)--परिणमनहेतुत्व गुण को गण की परिभाषा में
लगायो ? उत्तर-परिणमनहेतुत्व गुण काल द्रव्य के सम्पूर्ण भाग तथा