Book Title: Jain Siddhant Pravesh Ratnamala 03
Author(s): Digambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
Publisher: Digambar Jain Mumukshu Mandal

View full book text
Previous | Next

Page 178
________________ ( १७२ ) उत्तर- दो हैं : सुगंध और दुर्गध । प्रश्न ( २८६ ) - सुगंध दुर्गंध को जानने का क्या लाभ है ? उत्तर - मैं अगंध स्वभावी भगवान हूँ सुगंध दुर्गध पुद्गल के गंध गुण की पर्याय है ऐसा जानकर अगंध स्वभावी भगवान का आश्रय ले तो धर्म की शुरुआत होकर फिर कम से वृद्धि होकर, निर्वाण का पात्र बने । प्रश्न ( २८७ ) - वर्ण क्या है ? उत्तर - पुद्गल द्रव्य का विशेष गुण है। ? प्रश्न ( २८८ ) - वर्ण गुण की कितनी पर्याय हैं ? उत्तर - पाँच है । काला, पीला, नीला, लाल, सफेद । प्रश्न ( २८९ ) - वर्ण गुण की पाँच पर्यायों के जानने से क्या लाभ है ? उत्तर - मैं अवर्ण स्वभावी भगवान श्रात्मा हूँ काला पीला आदि पुद्गल के वर्ण गुण की पर्यायें हैं इससे मेरा सर्वथा सम्बंध नहीं है ऐसा जानकर अपने प्रवर्ण स्वभाव का श्राश्रय तो वर्ण गुण की पर्यायों से भेद ज्ञान हुआ कहा जावेगा । प्रश्न ( २० ) - शब्द क्या हैं ? उत्तर - भाषा वर्गणा का कार्य है और समानजातीय द्रव्य पर्याय हैं और जीव के साथ की अपेक्षा विचारा जावे तो असमानजातीय द्रव्य पर्याय है । प्रदन (२१) --शब्द कितने प्रकार का है ? उत्तर - सात प्रकार का है: षडज, ऋषम, गंधार, मध्यम, पंचम, धैवत, और निषाद । प्रश्न ( २६२ ) - सात प्रकार के शब्द के जानने का क्या लाभ है? .3

Loading...

Page Navigation
1 ... 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211