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प्रश्न (२१) - धर्मादि द्रव्य तो अचेतन हैं और जीव चेतन है उसके गुण एक समान कैसे हो सकते हैं ?
उत्तर- हमने संख्या अपेक्षा समान कहा है ।
प्रश्न (२२) - तो क्या प्रत्येक द्रव्य में गुण समान ही हैं ?
उत्तर - हां, प्रत्येक द्रव्य में संख्या अपेक्षा गुण समान ही हैं कम ज्यादा नहीं हैं ।
प्रश्न (२३) -- एक द्रव्य में कितने गुण हैं ?
उत्तर- अनन्त गुण है ।
प्रश्न (२४)-- प्रत्येक द्रव्य में अनन्त गुण हैं उन अनन्त गुणों का कोई माप है ?
उत्तर - (१) जीव अनन्त हैं ।
(२) जीव से अनन्त गुणा अधिक पुद्गल द्रव्य हैं । (३) पुद्गल द्रव्य से अनन्त गुणा अधिक तीन काल के समय हैं ।
(४) तीन काल के समयों से अनन्तगुणा अधिक आकाश के प्रदेश हैं ।
(५) आकाश के प्रदेशों से अनन्तगुणा अधिक एक द्रव्य में गुण हैं ।
प्रश्न (२५) - सिद्ध भगवान में प्रोर हमारे में किस अपेक्षा अन्तर नही है ?
उत्तर - गुणों की अपेक्षा अन्तर नहीं है ।
प्रश्न ( २६ ) - जब सिद्ध भगवान में और हमारे में गुणों की अपेक्षा अन्तर नहीं है तो अन्तर किसमें है ?