Book Title: Jain Dharm Ka Jivan Sandesh Author(s): Devendramuni Publisher: Tarak Guru Jain GranthalayPage 15
________________ और कर्म-तीनों संग-संग चलते हैं। एक सफल चिकित्सक उसे कहते हैं जिसे मानव शरीर व उसमें होने वाली बीमारियों का ज्ञान हो, फिर अपने निदान पर और अपनी चिकित्सा पद्धति पर, और कार्य पर विश्वास भी हो और उसका उचित उपयोग भी कर सकता हो। शिक्षा, चिकित्सा, शासन-प्रशासन, व्यापारउद्योग जीवन-व्यवहार आदि किसी भी क्षेत्र में ये तीनों बातें आवश्यक हैं-ज्ञान, विश्वास और कार्य। इसलिए यह आन्तरिक जीवन को आलोकित करने के साथ व्यावहारिक जीवन को भी आलोकित और संचालित करते हैं । इसीलिए भगवान महावीर ने रत्नत्रयी के रूप में प्रथम जीवन-सन्देश दिया है । . नैतिक अथवा धार्मिक सूत्र नैतिकता तथा धार्मिकता सुखी जीवन के प्रमुख आधार स्तम्भ हैं। अनैतिक तथा धार्मिकता विहीन व्यक्ति का स्वयं का जीवन भी दुःखी और संतप्त रहता है तथा समाज में भी वह विश्रृंखलता उत्पन्न करता है।Page Navigation
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